बर्फबारी भी नहीं रोक पाई राहुल गांधी और दीपक बैज के जज्बे को

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  • हड्डियों को भी सिहरा देने वाली ठंड के बीच श्रीनगर में हुआ भारत जोड़ो पदयात्रा का समापन
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दूत बन यात्रा में शामिल हुए बस्तर सांसद

जगदलपुर राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा को मुकाम तक पहुंचने से भारी बर्फबारी और हड्डियों तक में सिहरन पैदा कर देने वाली ठंड भी नहीं रोक पाई। इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दूत बनकर शामिल हुए बस्तर के सांसद दीपक बैज का हौसला भी आखिर तक अडिग बना रहा। बैज पूरे समय मैदान पर कांग्रेस के अजेय योद्धा की तरह डटे रहे। घुटने भर तक बर्फ की चादर बिछी रहने के बावजूद गांधी और बैज का जज्बा बरकरार रहा।कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कन्याकुमारी से निकाली गई भारत जोड़ो पदयात्रा का समापन जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में हुआ। पदयात्रा की समाप्ति के पश्चात आज सभा होनी थी, मगर बीती रात से जारी बर्फबारी को देखते हुए लग रहा था कि सभा निरस्त करनी पड़ सकती है। सभा स्थल पर उमड़ी हजारों की भीड़ और सभी प्रमुख विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने जोश को हाई कर दिया। श्रीनगर की धरती लगभग एक फुट मोटी बर्फ की चादर तले ढंक गई थी । लगातार बर्फबारी के बीच भी राहुल गांधी एवं विपक्षी दलों के तमाम नेता पहुंचे और भाषण देते रहे। हजारों की संख्या में कार्यकर्ता भी उत्साह और जोश के साथ भारी बर्फबारी के बीच कुर्सियों पर चढ़कर भाषण सुनते रहे। इस तरह भारी बर्फबारी के बीच भी यात्रा का शानदार समापन हुआ। इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह के रूप में बस्तर सांसद दीपक बैज एवं छत्तीसगढ़ के अन्य नेता मौजूद रहे।भारत जोड़ो यात्रा के समापन में शेरे कश्मीर स्टेडियम का सभा स्थल खचाखच भरा रहा। सांसद श्री बैज दो दिन पहले ही राहुल गांधी की पदयात्रा के समापन समारोह में भाग लेने के लिए श्रीनगर पहुंच गए थे। इससे पहले भी वे पदयात्रा के विभिन्न चरणों में सहभागी बन चुके थे। बस्तर की जलवायु अमूमन गर्म ही रहती है और ऐसी जलवायु में पले बढ़े सांसद दीपक बैज ज्यादा ठंड सहने के आदी नहीं हैं, लेकिन पार्टी संगठन के कार्यों के लिए मौसम का रुख देखे बिना ही वे मिशन पर निकल पड़ते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा की समापन बेला में भी श्री बैज ने कुछ ऐसी ही जीवटता का परिचय दिया। बैज के साथ लोहंडीगुड़ा के जनपद अध्यक्ष महेश कश्यप भी श्रीनगर गए थे। भारी बर्फबारी के बीच भी राहुल गांधी को सुनने के लिए जमा भीड़ लोग कहते सुने गए कि ये बर्फबारी बदलाव के बयार की ओर ईशारा कर रही है।