महिला दिवस विशेष, इस नारी के रूप अनेक: कभी सिखाती सिलाई, तो कभी चूड़ी दुकानदारी, तो कभी संभालती नगर विकास की जिम्मेदारी

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डौंडीलोहारा मुस्‍कुराकर, दर्द भूलकर, रिश्‍तों में बंद थी दुनिया सारी, हर पग को रोशन करने वाली वो शक्ति ही नारी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जब दुनिया भर में महिलाओं को सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक वर्गों में विभिन्न भूमिकाएँ निभाने के लिए पहचाना जाता है और उसके सम्मानित किया जाता है। यह महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने, पूर्वाग्रह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और एक बेहतर जेंडर इक्वालिटी समाज बनाने के लिए समानता के लिए कार्रवाई करने का दिन है। लोग अपने जीवन में महिलाओं का सम्मान करके अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं। इस मौके पर हम नगर की प्रथम महिला यानी नगर पंचायत अध्यक्ष लोकेश्वरी साहू के बारे में बात करेंगे।

जिनके अतीत से नगरवासी ज्यादा कुछ परिचित नहीं है। लेकिन एक सामान्य गृहणी से लेकर नगर पंचायत का प्रतिनिधित्व करने वाली इस महिला के इस मुकाम तक पहुंचने के पीछे कई संघर्षों की कहानी है। आज भी यह महिला दूसरों को लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है। आज भी अपने जैसी महिलाओं और युवतियों को आगे बढ़ाने के लिए वह उन्हें सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाती हैं तो वही राजनीति, समाज सेवा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाती हैं। करीब 5 साल में 800 से ज्यादा महिलाओं को लोकेश्वरी सिलाई कढ़ाई में पारंगत कर चुकी हैं। जो आज बेहतर मुकाम पर हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष लोकेश्वरी साहू पिछले 5 साल से सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र चला रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 800 से ज्यादा महिलाओं व बालिकाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दे चुकी है। इनमें से कई लोग आज कुशल व्यवसाय कर रहीं हैं। वही कई लोग सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण देने स्व सहायता समूहों में भी जाती हैं। लोकेश्वरी साहू सुबह घर गृहस्थी के काम को निपटा कर 10 बजे सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र पहुंच जाती हैं। वहां से वह घर आती है और खाना खाकर सीधे नगर पंचायत चली जाती है। जहां लोगों के काम निपटाती हैं। इस तरह पूरे दिन वह घर गृहस्थी, व्यवसाय और राजनीति में सक्रिय रहती हैं।सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रहीं लोकेश्वरी साहू ना केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।

उनकी सक्रियता के कारण ही उन्हें जिला साहू समाज में महिला प्रकोष्ठ का संयुक्त सह संयोजक बनाया गया है। लोकेश्वरी साहू अपनी राजनीतिक दिनचर्या के अलावा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं।घर गृहस्थी व व्यवसाय के साथ-साथ राजनीति को भी बेहतर तालमेल से चलाने की खूबियां उनमें भरी है।शिक्षा का महत्व समझ समाज सेवा में जुटी हिंदी व अंग्रेजी में एमए के अलावा बीएड व टीईटी की परीक्षा पास होने के बाद भी उन्होंने नौकरी की बजाय जनसेवा को ही प्राथमिकता दी है। गृहिणी से ही नगर पंचायत अध्यक्ष बनी है। अध्यक्ष बनने के बाद आज भी उनकी दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। जबकि कई लोग राजनीति में कदम रखने के बाद राजनीति की चकाचौंध में अपना पुराना व्यवसाय भूल जाते हैं, लेकिन लोकेश्वरी साहू एक कुशल गृहणी के अलावा आज भी सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र में जाकर नियमित रूप से बालिकाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण देती है। वहीं अपनी श्रृंगार सदन में ग्राहकों को सामान भी देती हैं। हिंदी व अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वह बीएड तथा टीईटी की परीक्षा पास करने के बाद भी उन्होंने नौकरी की ओर ध्यान नहीं दिया। नगर पंचायत अध्यक्ष बनने के बाद उनकी एक ही प्राथमिकता रही है नगर और समाज के लोगों की सेवा।पति के राजनीतिक जीवन का भी मिल रहा लाभलोकेश्वरी साहू के पति गोपी साहू पिछले 20 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। क्षेत्र में वे एक उत्कृष्ट कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। उनकी राजनीतिक जीवन का लाभ लोकेश्वरी साहू को मिल रहा है। लोकेश्वरी साहू ओबीसी महिला वर्ग की एकमात्र कांग्रेस की पार्षद हैं। लोकेश्वरी को जब नगर पंचायत अध्यक्ष बनने का मौका मिला तो उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया।जिस नगर पंचायत में थी संविदा शिक्षक, आज हैं वहीं अध्यक्षयह भी एक संयोग है कि लोकेश्वरी साहू पार्षद चुनाव लड़ने के पहले नगर पंचायत के एक स्कूल में नगर पंचायत द्वारा नियुक्त संविदा शिक्षक थी। उसके बाद उन्हें पार्षद टिकट मिली। इसके बाद विजयी होने के बाद आज उसी नगर पंचायत की अध्यक्ष हैं। लोकेश्वरी साहू का कहना है कि उनकी सहेलियां आज भी शिक्षाकर्मी के लिए आवेदन करने कहती हैं लेकिन उसके मन में अब नौकरी का ख्याल नहीं है, बल्कि जनता की सेवा करने का ही है। वह कहती हैं बचे हुए कार्यकाल में निश्चित रूप से वह जनता की सेवा ही करेंगी।चुनौतियां तो कई थी पर मैंने हार नहीं मानीइस महिला दिवस पर सभी को प्रेरणा देते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष लोकेश्वरी साहू कहती हैं कि अध्यक्ष बनने के बाद भी उनके जीवन में कई चुनौतियां आई हैं। कई परेशानी उन्हें झेलनी पड़ी। चाहे बात अंदरूनी हो या सार्वजनिक महिलाओं को आगे बढ़ने में अड़चनें तो आती ही है। लेकिन उन्होंने इन हालातों का डटकर सामना किया और आज वह पहले से और ज्यादा बेहतर मुकाम पर हैं। वह रोज महिलाओं को संघर्ष से जीतना सिखाते हैं। वह कहती हैं कि हमें कोई भी काम करने से पीछे नहीं हटना चाहिए और यही वजह है कि वह नगर पंचायत अध्यक्ष तो बन गई है लेकिन अपने अतीत या अब तक जिन कार्यों की बदौलत वह यहां तक पहुंची है उसे भी नहीं छोड़ रही है। वह सब कार्य साथ-साथ करते हुए चलती है। तभी तो कहा जाता है कि नारी के रूप अनेक होते हैं। इसलिए कहा जाता है क्योंकि नारियां कई कार्य कर एक साथ कर लेती है। यह हर नारी की खूबियां होती है।

अपने कार्यकाल में कर चुकी नगर में करोड़ों रुपए के विकास कार्य डौंडीलोहारा नगर पंचायत के अध्यक्ष की कमान संभाली लोकेश्वरी के कार्यकाल में अब तक यहां करोड़ों रुपए के विकास कार्य हो चुके हैं। लोगों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण पर उनका ज्यादा ध्यान रहता है। नगर पंचायत के रिकॉर्ड के मुताबिक नगर में प्रगतिरत कार्य लगभग 649.44 करोड़ , पूर्ण किया जा चुका है। लगभग 3 करोड़ का कार्य और होना है। भविष्य की कार्य योजना पर प्रस्तावित कार्य लगभग 1030.91, करोड़ है। साथ ही 2.0 अमृत मिशन योजना नगर पंचायत डौंडीलोहारा शासन के पास स्वीकृति के लिए प्रकिया में है।

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