स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने उठाई जेडी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

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  • स्वास्थ्य कर्मियों की पदोन्नति और पदास्थापना में जमकर धांधली करने का लगाया गंभीर आरोप
  • बस्तर संभाग के कमिश्नर श्याम धावड़े को सौंपा ज्ञापन

बस्तर स्वास्थ्य कर्मचारियों की पदोन्नति और पदास्थापना में धांधली का मामला अब बस्तर संभाग के आयुक्त श्याम धावड़े तक पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने इस मामले में विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. डी राजन पर गंभीर आरोप लगाते हुए आयुक्त से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। संभाग आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में संघ ने कहा है कि संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं बस्तर डॉ. डी राजन के द्वारा खंड विस्तार प्रशिक्षकों की पदोन्नति और पदस्थापना में व्यापक अनियमितता बरती गई है। बीते दिनों बस्तर संभाग के स्वास्थ्य विभाग में बीटीईओ के पद पर पदोन्नति सूची जारी की गई, जिसमें कई कर्मचारियों को पदोन्नत कर पहले तो उनके पदस्थापना स्थल से दूर पदस्थ किया गया, उसके बाद उनसे लेनदेन कर उन्हें समीप के स्थल पर पदस्थ कर दिया गया। संघ ने ऐसे कर्मचारियों का ब्यौरा भी कमिश्नर को दिया है। बताया गया है कि कर्मचारी रोहित मरकाम को पहले कांकेर से बीजपुर पदस्थ किया गया, फिर संशोधन आदेश जारी कर उन्हें फिर से कांकेर में पदस्थ किया गया। पूरन सिंह गावड़े को पदोन्नत कर चारामा से सुकमा जिला भेजा गया था, फिर आदेश को संशोधित कर कांकेर जिला कर दिया गया। सकरुराम मौर्य को बस्तर जिला से कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा स्थानांतरित किया गया था, फिर संशोधन कर उन्हें लोहंडीगुड़ा जिला बस्तर में पदस्थ कर दिया गया। संघ ने कहा है कि ये तो चंद ऐसे उदाहरण हैं, जो जल्द नजरों में आ गए, अगर संयुक्त संचालक द्वारा जारी आदेश और किए गए लेनदेन की सूक्ष्मता से जांच की गई तो बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर होगी। संघ ने कहा है कि संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. डी राजन द्वारा पूर्व में भी कई तरह के घोटाले किए गए हैं। जिसे हमेशा नजरअंदाज किया जाता रहा है। इस वजह से वे लगातार अनियमितता करते आ रहे हैं। संघ ने आयुक्त से मांग की है कि शांतिप्रिय बस्तर के ऐसे अधिकारी को तत्काल निलंबित कर उनके विरुद्ध जांच की जाए और बीईटीओ पदोन्नति आदेश को निरस्त कर नए सिरे से पदोन्नति प्रक्रिया आरंभ की जाए। ताकि कर्मचारियों में व्याप्त रोष कम हो सके। बताया गया है कि वर्तमान में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति देने की तैयारी चल रही है और इसमें भी जमकर लेनदेन करने की आशंका है। संघ ने आयुक्त से सुपरवाइजर एलएचवी की पदोन्नति पर रोक लगाने की मांग की है।संघ ने ज्ञापन में आगे जानकारी दी है कि डॉ. डी राजन द्वारा पूर्व में भी कई घोटाले किए हैं। नानगुर पीएससी में रहते हुए टीकाकरण की राशि का गबन किया गया था। तोकापाल में पदस्थ रहने के दौरान डॉ. डी राजन द्वारा 97 हजार रु. का फर्जी टीए बिल बनाकर राशि आहरित की गई थी। इसके अलावा नियम विरुद्ध कई सामग्रियों का क्रय किया गया है। जब संघ ने इस मामले से तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अवगत कराया, तब डॉ. डी राजन तत्कालीन खंड चिकित्सा अधिकारी तोकापाल द्वारा उक्त राशि चालान के माध्यम से जमा करा दी गई थी। तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बस्तर द्वारा की गई जांच में डॉ. राजन को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया, तब डॉ. डी राजन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए जांच रुकवा दी थी। संघ ने मांग की है कि ऐसे अधिकारी के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में संघ के जिला सचिव दयानंद पटेल, जिला उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह, महारानी हॉस्पिटल इकाई के सचिव नीरज मामड़ीकर एवं नेत्र सहायक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक हनुमंत राव शामिल थे।