राजहरा खदान प्रबंधन केंद्र सरकार के बनाये नियमों का कर रहा है उल्लंघन, भारतीय मजदूर संघ

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भारतीय मजदूर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल विगत दिनों
मुख्य महाप्रबंधक खदान राजहरा खदान समूह आर बी गहरवार से मिलकर राजहरा खदान समूह के राजहरा यंत्रीकृत खदान में Mines Act 1952 के Section 2(a) (ii) एवं केंद्र सरकार के गैजेट नोटिफिकेशन (असाधारण) दिनांक 19 January 2017 के स्पष्टीकरण क्रमांक f(ii) & (iii) और केंद्र सरकार द्वारा दिनांक 10 August 2021 को प्रकाशित असाधारण गैजेट के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन एवं उनके अनुपालन हेतु ज्ञापन सौंपा


प्रतिनिधिमंडल में शामिल भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद और खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष एम पी सिंग ने बताया कि केंद्र सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यरत महारत्न कंपनी सेल के ईकाई राजहरा माईंस में केन्द्र सरकार द्वारा बनाए नियम कानून का पालन नहीं हो रहा है और ईसकी खुलेआम अवहेलना की जा रही है। यह बात स्पष्ट है ऐसे खदान जो सुपरजेसेन्ट लेवल से नीचे चला गया है अथवा कोई भी ओपन कास्ट खदान जिसके सबसे ऊंचे और सबसे निचले लेवल का अंतर 06 मीटर से ज्यादा हो उसमें कार्यरत श्रमिकों को बिलो ग्राउंड श्रमिकों की श्रेणी का माना जावेगा। वर्तमान में राजहरा यंत्रीकृत खदान में ठेका श्रमिक दोनों शर्तों को पूरा करते हुए सेल की प्रगति में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।


संघ ने मुख्य महाप्रबंधक खदान का ध्यान Mines Act 1952 के Section 2 (a) (ii) एवं केंद्र सरकार के गैजेट नोटिफिकेशन (असाधारण) दिनांक 19 January 2017 के स्पष्टीकरण क्रमांक f(ii) & (iii) में
उल्लेखित उन प्रावधानों की तरफ आकृष्ट किया है। जिनके अनुसार राजहरा यंत्रीकृत खदान में कार्यरत ठेका श्रमिक बिलो ग्राउंड वर्कर्स की श्रेणी में आते हैं और केंद्र सरकार के बनाये नियमानुसार वे सभी श्रमिक बिलो ग्राउंड हेतु केंद्र सरकार द्वारा तय किये गए न्यूनतम वेतन पाने के हकदार हैं।
इसके अलावा संघ केंद्र सरकार के द्वारा दिनांक अगस्त 2021 को प्रकाशित उस असाधारण गैजेट के प्रावधानों की तरफ प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट किया है जिसके अनुसार ओवर बर्डन हटाने के कार्य में लगे श्रमिकों को कोल माइंस में गठित हाई पावर कमिटी द्वारा अनुशंषित न्यूनतम वेतन दिया जाने की बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
नेता द्वय ने बताया कि ठेके का नाम बदल कर वही कार्य कराने से प्रबंधन दिनांक 10 अगस्त 2021 को केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित असाधारण गैजेट के प्रावधानों से बच नहीं सकता है और राजहरा खदानसमूह प्रबंधन का उक्त कृत्य यह दर्शाता है कि महारत्न सेल की इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र एवं खदान प्रबंधन स्वयं श्रमिकों के शोषण में लगा हुआ है। ईस ज्ञापन के माध्यम से
संघ प्रबंधन से यह मांग करता है कि तत्काल प्रभाव से राजहरा यंत्रीकृत खदान में कार्यरत सभी ठेका श्रमिकों को केंद्र सरकार द्वारा बिलो ग्राउंड हेतु तय किये गए न्यूनतम वेतन का भुगतान एरियर्स सहित किया जावे या फिर केंद्र सरकार द्वारा दिनांक अगस्त को प्रकाशित गैजेट के मुताबिक कोल माइंस में गठित हाई पावर कमिटी के द्वारा अनुशंषित न्यूनतम वेतन का भुगतान एरियर्स सहित किया जावे।
इस मुद्दे पर संघ प्रबंधन के किसी भी स्तर पर चर्चा के माध्यम से सकारात्मक हल निकालने हमेशा तैयार है किन्तु अगर प्रबंधन के तरफ से पंद्रह (15) दिनों के भीतर किसी तरह का कोई सकारात्मक पहल नहीं होता है और संघ से चर्चा हेतु परहेज की जाती है तो मजबूरन संघ को कड़े कदम उठाने हेतु बाध्य होने पड़ेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी केवल और केवल राजहरा खदान समूह और भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ही होगी। प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के उपमहासचिव लखनलाल चौधरी, उपाध्यक्ष राजीव सिंग, राजहरा शाखा के अध्यक्ष किशोर कुमार मायती,संगठन सचिव विनोद कुमार आरडे उपस्थित थे।

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