सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों की सह पर चौपाटी में अतिक्रमण

0
58
  • दोनों दलों के पार्षद देते आए रहे हैं अवैध कब्जों को प्रोत्साहन
  • दुकानदारों ने अपनी गुमटियों के आगे लंबी चौड़ी जमीन कब्जाई

जगदलपुर नगर निगम द्वारा जनता को तफरीह करने, घर की रसोई से हटकर कुछ अलग तरह के व्यंजनों का जायके का लुत्फ उठाने की सुविधा देने के लिए शहर में चौपाटी का निर्माण कराया गया है, लेकिन यह चौपाटी अब शहरवासियों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। नगर निगम के सत्तारुढ़ दल व विपक्षी दल के पार्षदों के संरक्षण में दुकानदारों ने चौपाटी में बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे कर लिए हैं। नगर निगम जगदलपुर द्वारा करीब नौ साल पहले शहर के तरण ताल के पास चौपाटी का निर्माण किया गया है। इसके पीछे नगर निगम प्रशासन की मंशा यही थी कि दूसरे बड़े शहरों की तरह जगदलपुर के लोगों को भी तफरीह करने तथा तरह तरह के व्यंजनों का जायका लेने का आनंद मिल सके। पहले तो नगर निगम के सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दल के पार्षदों ने चौपाटी की गुमटियों के आवंटन में भाई – भतीजावद का खेल खेलते हुए अपने नाते रिश्तेदारों और चहेतों को गुमटियां दिला दी। उसके बाद उन गुमटियों में दुकान चलाने वालों को अपनी अपनी गुमटी के आगे स्थित जमीन को हथियाने की खुली छूट दे दी। गुमटियों के संचालकों ने अपनी अपनी गुमटी के आगे की 20 – 20 वर्गफीट जमीन पर कब्जा जमा लिया है। इस कब्जाई गई जमीन पर वे टेबल कुर्सियां और अन्य सामान रखे रहते हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि चौपाटी में खुली जगह नाममात्र की रह गई है। तफरीह करने और विभिन्न व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए चौपाटी पहुंचने वाले लोगों को आने जाने में दिक्कत होती है और चौपाटी की खूबसूरती भी लगभग खत्म हो चली है। गुमटियों के आवंटन के दौरान तय की गई शर्तों के मुताबिक आवंटियों को अपनी अपनी गुमटी के अंदर ही दुकान चलाने का प्रावधान है, लेकिन इस शर्त की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता चौपाटी के अवैध कब्जों को हटाने का साहस इसलिए नहीं जुटा पाता, क्योंकि दुकान संचालकों के सिर पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के अनेक पार्षदों का हाथ जो है। पक्ष व विपक्ष के पार्षदों के दवाब के चलते अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है। इन अवैध कब्जों के कारण दुकानों का दायरा सड़क तक पहुंच गया है। नतीजतन चौपाटी की एक दुकान से दूसरी दुकान तक जाने और पूरे चौपाटी परिसर में गुजरने में लोगों को बड़ी परेशानी होती है।