धर्म की राजनीति फेल, भाजपा सजायेगी धर्मांतरण की सेल

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(अर्जुन झा)

जगदलपुर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के एजेंडे का खुलासा करते हुए साफ संकेत दे दिए हैं कि अब यहां धर्मांतरण के मुद्दे पर चुनाव लड़ा जाएगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर बरसते हुए कहा कि यह ढपोरशंख की सरकार है। घोटाले की सरकार है और अब इनको एक ही सहारा बचा है। यह भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई सरकार है। चर्चों के सहारे, धर्मांतरण के सहारे यह सत्ता में आना चाहते हैं। यह भारत की अस्मिता को मिटाना चाहते हैं।

सनातन संस्कृति को मिटाना चाहते हैं। आदिवासी संस्कृति की अस्मिता को मिटाना चाहते हैं। धर्मांतरण करा कर क्रिस्चियन बनाना चाहते हैं। आने वाले चुनाव में हमारी सरकार आएगी तो ऐसा कड़ा कानून बनाएंगे कि किसी किसी की हिम्मत नहीं होगी कि हमारे किसी भाई को लोभ और प्रलोभन देकर के धर्म परिवर्तन कराएं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जिस अंदाज में बस्तर की धरती पर धर्मांतरण के मुद्दे को प्रमुखता से रखते हुए छत्तीसगढ़ में सरकार बनने पर कड़ा कानून बनाने का ऐलान किया है, उससे स्पष्ट है कि भाजपा इस बार धर्म की बजाय धर्मांतरण के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। दरअसल भाजपा की धर्म की राजनीति अभी अभी कर्नाटक में पिट गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोहब्बत की दुकान सजा रहे थे और भाजपा के नेता बजरंगियों की तुलना बजरंगबली से कर रहे थे। भाजपा ने कर्नाटक चुनाव में इस मुद्दे को भुनाने की बहुत कोशिश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो में बजरंगबली के भेष में भाजपा के कलाकार घूम रहे थे। पूरी भाजपा बजरंगी भाई बन गई थी लेकिन कर्नाटक के मतदाता ने धर्म की राजनीति को दरकिनार कर दिया। जब कर्नाटक में धर्म की राजनीति फेल हो गई तो भाजपा अब छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की सेल सजा रही है। कांग्रेस और भाजपा की अपनी अपनी दुकान हैं। कांग्रेस मोहब्बतें रिलीज कर रही है तो भाजपा द केरला स्टोरी! वैसे कांग्रेस के बस्तर सम्मेलन में सांसद बजरंगबली के जयकारे लगाते हुए कह चुके हैं कि बजरंगबली ने कर्नाटक में कृपा की। अब छत्तीसगढ़ में भी उनकी कृपा कांग्रेस को प्राप्त होगी। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रामकाज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम वाले अंदाज में माता कौशल्या धाम, राम वन गमन परिपथ, राम स्मृतियों के पुनरुत्थान से लेकर राष्ट्रीय रामायण महोत्सव तक रामकाज में लगे हुए हैं। कृष्णकुंज बन रहे हैं। राम और श्याम की सेवा में लगे भूपेश बघेल के सामने भाजपा की धर्म की राजनीति टिक पायेगी, ऐसा नहीं लग रहा। गोधन और गोबर भूपेश बघेल के खाते में है ही। अब भाजपा के पास बचा केवल तुष्टिकरण और धर्मांतरण का मुद्दा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव तुष्टिकरण के मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं और अब मोदी के मंत्री गिरिराज सिंह ने धर्मांतरण के मुद्दे पर मोर्चा खोला है। यहां एक पेंच यह है कि भाजपा के तीखे तेवर देखकर कन्वर्टेड लोग कांग्रेस के पाले में लामबंद हो सकते हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उनका भाजपा पर कितना भरोसा है, यह पिछले विधानसभा चुनाव में सामने आ चुका है।