ग्रामीणों को रास नहीं आ रहा है पीडीएस का पिघला व घटिया गुड़

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  • बहुत ही हल्के स्तर के गुड़ की आपूर्ति की जा रही है बकावंड क्षेत्र की शास. उचित मूल्य दुकानों में

बकावंड जनपद पंचायत क्षेत्र बकावंड की ग्राम पंचायतों में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में कुछ माह से बहुत ही हल्के और घटिया स्तर के गुड़ की आपूर्ति की जा रही है। पिघल चुका यह गुड़ ग्रामीणों को जरा भी रास नहीं आ रहा है और वे इसे लेने से परहेज कर रहे हैं।सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित बस्तर संभाग की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में राशन की अफरा तफरी के बाद अब घटिया खाद्यान्न की आपूर्ति की शिकायतें सामने आने लगी हैं। खासकर इन राशन दुकानों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा भेजा जा रहा गुड़ निहायत ही घटिया स्तर का है। 250 ग्राम, 500 ग्राम के पैकेट्स वाला यह गुड़ बड़ा ही स्तरहीन रहता है। पैकेट्स फटी हालत में होते हैं। अधिकांश पैकेट्स खाली रहते हैं तथा जिन पैकेट्स में जो थोड़ा बहुत गुड़ रहता है वह पिघलकर पूरी तरह लिक्विड बन चुका रहता है। क्षेत्र के ग्रामीण उपभोक्ता इस गुणवत्ता विहीन गुड़ को लेना पसंद नहीं कर रहे हैं। शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से गुड़ का उठाव न के बराबर हो रहा है।

गोलमाल की संभावना

ग्रामीणों ने अंदेशा जताया है कि इन पैकेट्स से अच्छी क्वालिटी के गुड़ को निकालकर घटिया स्तर के गुड़ की रिपैकिंग की गई है। ऐसा करके खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी अवैध कमाई करने में मशगूल हैं। वहीं कुछ शासकीय उचित मूल्य दुकानों के संचालकों ने बताया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी इसी घटिया गुड़ को खपाने के लिए उन पर निरंतर दबाव डाल रहे हैं। राशन दुकान संचालकों का कहना है कि जब उपभोक्ता ही लेने को तैयार नहीं हैं, तो वे गुड़ को खपाएं तो कहां खपाएं? क्षेत्र के ग्रामीणों ने शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में अच्छी क्वालिटी का गुड़ भेजने तथा अब तक हुई घटिया गुड़ की आपूर्ति की जांच कराने की मांग कलेक्टर बस्तर और खाद्य नियंत्रक से की है।

सर्वर डाउन, राशन वितरण ठप

राशन वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को ई पास सिस्टम से जोड़ा गया है। इसके जरिए जिला मुख्यालय में बैठे अधिकारी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में वितरण व्यवस्था पर नजर बनाए रखते हैं। यह प्रणाली इंटरनेट से चलती है। बस्तर जिले के गांवों में अक्सर सर्वर डाउन रहता है, नतीजतन ई पास मशीन काम नहीं करती और राशन वितरण ठप पड़ जाता है। बताते हैं कि ऐन राशन वितरण शुरू होने के समय ही सर्वर डाउन की समस्या पैदा होती है। शनिवार 8 जुलाई को भी सर्वर बैठ गया था। राशन दुकानों में उपभोक्ता हलाकान होते रहे। उपभोक्ताओं का गुस्सा राशन दुकान संचालकों पर फूट पड़ रहा था। बकावंड विकासखंड की प्रायः सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में सुबह से दोपहर बाद तक यही हालात बने रहे।