कोविड-19 से मृत कर्मचारी के परिवार को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति जाए :- सीटू

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दल्ली राजहरा में कोरोना संक्रमण बेहद तेजी के साथ बढ़ रहा है, हालात यह है कि कोरोना से जूझते हुए आज खदान के एक नियमित कर्मचारी सेवक राम मंडावी की मौत हो गई। जिसके कारण खदानों में कर्मचारी दहशत में है और प्रबंधन द्वारा क्षतिपूर्ति का कोई इंतजाम नहीं किए जाने के कारण कर्मचारी अनिश्चितता एवं आक्रोश की स्थिति में है । जिसे बेहद गंभीरता से लेते हुए स्थानीय हिंदुस्तान स्टील एंप्लाइज यूनियन सीटू ने डायरेक्टर इंचार्ज भिलाई स्टील प्लांट को, मुख्य महाप्रबंधक खदान के माध्यम से एक ज्ञापन प्रेषित किया। इस ज्ञापन में

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स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि कोविड-19 महामारी से निधन हुए सेवक राम मंडावी के परिवार से एक आश्रित सदस्य को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति एवं क्षतिपूर्ति दी जाए । ज्ञापन में यूनियन के सचिव पुरुषोत्तम सिमैया ने कहा कि हमारी यूनियन इस महामारी के दौरान लगातार प्रबंधन से यह मांग उठा रही है कि इस महामारी की चपेट में आने वाले नियमित एवं ठेका सभी प्रकार के कर्मचारियों के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति एवं 50 लाख बीमा का प्रावधान किया जाए। इस संबंध में यूनियन ने 5 सितंबर एवं 12 सितंबर को दो पत्र प्रबंधन को सौंपा है ।लेकिन प्रबंधन ने अब तक यूनियन की मांगों पर गंभीरता से कोई निर्णय नहीं लिया, और आज अनिर्णय की स्थिति के दौरान ही एक नियमित कर्मचारी की मौत हो गई । जिससे

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खदान के कर्मचारियों का मनोबल गिरा है, तथा कर्मचारियों में बेहद आक्रोश है जो कभी भी किसी बड़े आंदोलन के रूप में परिणित हो सकता है। इसलिए प्रबंधन तत्काल सेवकराम मंडावी के परिवार से आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति एवं क्षतिपूर्ति पत्र जारी करे । घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश क्षत्रिय ने कहा कि कर्मचारियों को सुविधाएं एवं सुरक्षा देने के मामले में भिलाई इस्पात संयंत्र, समेत सेल प्रबंधन हमेशा ही फिसड्डी साबित हुआ है, क्योंकि कोरोना की इस स्थिति को देखते हुए कोल इंडिया ने अपने कर्मचारियों के लिए अनुकंपा नियुक्ति एवं क्षतिपूर्ति का प्रावधान काफी पहले ही कर दिया है । इसके साथ ही हम यह भी देखते हैं कि खदानों के अंदर तमाम कार्य स्थलों में महामारी से निपटने के लिए प्रभावी उपायों का पालन नहीं किया जा रहा है । इसी विषय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि कार्यस्थलों में सोशल डिस्टेंसिंग, प्रॉपर सैनिटाइजिंग इत्यादि केवल खानापूर्ति के रूप में हो रहा है । प्रबंधन किसी भी कीमत पर सिर्फ उत्पादन चाहता है जो कि पब्लिक सेक्टर की कार्यशैली विपरीत है। कर्मचारियों की पर्याप्त सुरक्षा के बगैर लिया गया उत्पादन गुणवत्तापूर्ण नहीं कहा जा सकता। इसलिए प्रबंधन को इस दिशा में बेहद गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए, केवल खानापूर्ति से काम नहीं चलेगा । खदान के कर्मचारी आक्रोशित हैं और प्रबंधन की वर्तमान नीति से बेहद खफा हैं ।

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इसलिए प्रबंधन कर्मचारियों के आक्रोश को हल्के में ना ले , बल्कि पूरी गंभीरता के साथ कर्मचारियों की जान को बचाने का प्रभावी उपाय प्रबंधन को करना चाहिए। दुर्भाग्यवश यदि किसी कर्मचारी का निधन होता है, तो उन्हें उचित मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति बिना शर्त तत्काल दी जाए ।