एक साल में भी नहीं बन पाया आंगनबाड़ी भवन

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  • 6 लाख 45 हजार रुपए मंजूर हुए हैं निर्माण के लिए
  • छिदगांव पंचायत का एक और बड़ा कारनामा उजागर

बकावंड विकासखंड बकावंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत छिदगांव- 1 में सालभर से आंगनबाड़ी भवन का कार्य अधूरा पड़ा है। इसके लिए करीब साढ़े छह लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं। स्वीकृत राशि का बड़ा हिस्सा खर्च हो चुका है और निर्माण के नाम पर सिर्फ दो फीट उंची दीवारें ही खड़ी हो पाई हैं। शेष रकम कहां गई, इसका कोई हिसाब नहीं है। राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत छिदगांव 1 में आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए एक साल पहले 6 लाख 45 हजार रुपए की स्वीकृति मिली थी। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी रोजगार गारंटी योजना कार्यक्रम की प्रभारी अधिकारी कौस्तुभ वर्मा को सौंपी गई थी। निर्माण कार्य छिदगांव ग्राम पंचायत के सरपंच और पंचायत सचिव की निगरानी में पूर्ण कराया जाना था।

इन सभी की लापरवाही के कारण एक वर्ष 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी भवन का निर्माण आज तक पूर्ण नहीं हो पाया है। निर्माण के नाम पर महज डेढ़ – दो फीट ऊंची दीवारें ही खड़ी की जा सकी हैं। निर्माण में घटिया स्तर की सीमेंट ब्रिक्स का उपयोग किया गया है। सीमेंट की ये इंटें बारिश के पानी में घुलती जा रही हैं और कॉलम में डाली गई लोहे की छड़ें बाहर निकल आई हैं। इन छड़ों में जंग भी लगने लगी है, जो आगे चलकर बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है। सरपंच और सचिव निर्माण के अधूरेपन की जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं। वहीं मनरेगा के परियोजना अधिकारी कौस्तुभ वर्मा भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण पर अब तक सिर्फ डेढ़ लाख रुपए ही खर्च हो पाए होंगे। शेष रकम कहां गई, इसका भी जवाब किसी के पास नहीं है। निर्माण में विलंब का कारण भी कोई नहीं बता पा रहा है।

पंचायत भवन में चल रहा है केंद्र

ग्राम पंचायत के बच्चों के लिए अभी ग्राम पंचायत भवन में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा है। इसमें कई प्रकार की दिक्कतों का सामना आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिका के साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों को भी करना पड़ रहा है। न तो बच्चों की देखभाल अच्छे से हो पा रही है, न ही ग्राम पंचायत के कामकाज का सुचारु रूप से संचालन हो पा रहा है। जब भी ग्राम पंचायत की बैठक होती है या जिला व विकासखंड से कोई अधिकारी आते हैं, आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को छुट्टी देकर घर भेज दिया जाता है। बच्चों को पोषण आहार भी नियमित रूप से नहीं मिल पाता। सरपंच, सचिव और मनरेगा के परियोजना अधिकारी की घोर लापरवाही के कारण निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है और इसका खामियाजा नौनिहालों को भोगना पड़ रहा है। इससे बच्चों के अभिभावकों में आक्रोश देखा जा रहा है।

वर्सन

लेटलतीफी के लिए पीओ जिम्मेदार

आंगनबाड़ी केंद्र भवन के निर्माण में हो रही लेटलतीफी के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के परियोजना अधिकारी जिम्मेदार हैं और देरी की वजह वही बेहतर बता पाएंगे। एसएस मंडावी सीईओ, जनपद पंचायत बकावंड

वर्सन

सरपंच – सचिव को भेजा है नोटिस आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कार्य सरपंच और सचिव द्वारा कराया जा रहा है। विलंब के लिए सरपंच और सचिव ही जिम्मेदार हैं और इसके लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है। आने वाले माह तक काम पूरा कराने की बात सरपंच और सचिव ने कही है। ऐसा नहीं हुआ, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।