स्कूल को बना दिया कैदखाना और यातना गृह

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  • मनमानी की खबर छपने से बौखलाए शिक्षकों की करतूत
  • स्कूल स्टॉफ के व्यवहार से पालकों में पनपा आक्रोश

-अर्जुन झा-

बकावंड शिक्षकों के समय पर स्कूल न पहुंचने की खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षक अब विद्यार्थियों पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। स्कूल में लघु अवकाश एवं भोजन अवकाश बंद कर दिया गया है। स्कूल को कैदखाना और यातना गृह में तब्दील कर दिया गया है। यह सब बकावंड विकासखंड के तारापुर हायर सेकंडरी सकूल में चल रहा है।

जनपद पंचायत बकावंड की ग्राम पंचायत तारापुर के विद्यार्थियों को यहां संचालित हायर सेकंडरी स्कूल के प्रचार्य और शिक्षक दिन में तारे दिखाने पर आमादा हो गए हैं। शिक्षक और प्रचार्य बेकसूर विद्यार्थियों पर अपनी भड़ास निकालते हुए उन्हें सजा दे रहे हैं। कुछ दिनों पहले तारापुर हायर सेकंडरी स्कूल में चल रही भर्राशाही और शिक्षक शिक्षिकाओं की मनमानी को लेकर खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर में बताया गया था कि शिक्षक नियत समय पर शाला नहीं पहुंचते और समय से पहले ही स्कूल छोड़कर घर चले जाते हैं। बच्चों के अध्यापन पर शिक्षक जरा भी ध्यान नहीं देते। अपनी करतूत उजागर होते ही शिक्षक बौखला उठे। उन्होंने अपनी बैखलाहट, गुस्सा और भड़ास अब विद्यार्थियों पर निकालना शुरू कर दिया है। स्कूल के अंदर की बात बाहर निकलने के लिए शिक्षक निरीह विद्यार्थियों को जिम्मेदार मानकर उन्हें सजा देने लगे हैं।

स्कूल में विद्यार्थियों को लघु अवकाश और भोजन अवकाश देना बंद कर दिया गया है। इसके पीछे यह दलील दी जा रही है कि लघु और भोजन अवकाश में विद्यार्थी यहां वहां फिजूल घूमते रहते हैं। इसीलिए अवकाश देना बंद किया गया है।

कैंपस में घंटों बंधक बने रहते हैं विद्यार्थी

सुबह शाला शुरू होने के बाद शाला लगने की अवधि खत्म होने तक सभी विद्यार्थियों को कैदी की तरह स्कूल कैंपस में बंद करके रखा जा रहा है। रोज लगभग 7 घंटे तक सारे विद्यार्थी जेल में तब्दील हो चुके स्कूल के भीतर बंदी की तरह रहने विवश हो गए हैं। उन्हें स्कूल में भूखे प्यासे रहना पड़ता है। स्कूल प्रशासन के इस अमानवीय रवैए को लेकर पालकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। विद्यार्थी भी आक्रोशित हैं, मगर स्कूल स्टॉफ के क्रूर व्यवहार को देखते हुए वे मुंह खोलने से घबराने लगे हैं। वहीं अनेक पालकों ने स्कूल प्रबंधन से रवैया बदलने की अपील की है।