भारत वर्ष एवम विश्व के कुछ देशों में दिनांक:9सितंबर2023, दिन:शनिवार, समय:प्रातः7बजे एक-बैनर, एक-दिन, एक-समय अष्टम विश्वव्यापी स्वर्वेद यात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है ।
भारत की धरती पर समय-समय से ऐसे कालजयी युगपुरुष अवतरित हुए हैं जिन्होंने त्रयतापों से कराहती मानवता को पूर्ण सुख-शान्ति का मार्ग दिया है । वर्तमान समय में ऐसे ही एक युगपुरुष हुए हैं, अनन्त श्री सदगुरू महर्षि सदाफलदेव जी महाराज, जिन्होंने *स्वर्वेद* के रूप में मानवता को एक अमूल्य भेंट दी है । *स्वर्वेद* विश्व का एक अद्वितीय आध्यात्मिक महान सद्ग्रन्थ है, जो उनके सत्तरह वर्षीय साधना तथा योगाभ्यास-समाधि जन्य ऋतम्बरा प्रज्ञा प्रसूत, उनकी महान आत्मा में अवतरित प्रत्यक्षानुभूत, ब्रह्मविद्या परक ज्ञान से परिपूर्ण है ।
स्वर्वेद मानव जाति के उत्थान का आध्यात्मिक सद्ग्रन्थ है, इसके शब्द-शब्द में अदभुत चमत्कार भरा हुआ है । ये वाणी साक्षात्कृतधर्मा ऋषि की वाणी है, ब्रह्मवाणी है, दिव्यवाणी है, अमृतवाणी है । इसके श्रवण मात्र से शुभ संस्कारों का उदय होता है, अशुभ संस्कार नष्ट होते हैं । विवेक जागृत रहता है । अविद्या, अहंकार नष्ट होता है, जिससे आध्यात्मिक ज्ञान का विमल प्रकाश प्राप्त होता है । स्वर्वेद में सेवा, सत्संग एवं साधना की त्रिवेणी है । ज्ञान, वैराग्य, भक्ति का यथार्थ है । स्वर्वेद के यथार्थ ज्ञान से ही अविद्या-अज्ञानता नष्ट हो सकती है, ब्रह्मविद्या की ज्योति प्रकाशित हो सकती है, क्योंकि स्वर्वेद की विषयवस्तु ब्रह्मविद्या ही है ।
स्वर्वेद का व्यापक प्रचार-प्रसार घर-घर, जन-जन, मन-मन तक हो सके, इस पावन उद्देश्य से सम्पूर्ण विश्व में स्वर्वेद-यात्रा का आयोजन समय-समय पर किया जाता रहा है एवम किया जाता रहेगा ।
वैसे तो वर्ष भर भारत के विभिन्न स्थानों में स्वर्वेद यात्राएं आयोजित होती रहती हैं । परन्तु विशेष रूप से “भारतीय नववर्ष” एवम “9सितम्बर” को सम्पूर्ण भारत वर्ष में एवम विश्व के कुछ देशों में “स्वर्वेद यात्रा” व्यापक रूप से आयोजित की जाती है ।
इस विज्ञप्ति के माध्यम से विश्व जन को यह सूचित करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि इस वर्ष 17, 18 दिसम्बर को स्वर्वेद महामंदिर परिसर, वाराणसी में विहंगम योग संत समाज के 100वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में “शताब्दी समारंभ महोत्सव” एवम “25,000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ” का आयोजन किया जा रहा है ।
इस विश्व व्यापी स्वर्वेद यात्रा का आयोजन जीएडी कालोनी, बकावंड, बकावंड(वि ख) बस्तर (जिला), छत्तीसगढ(राज्य) में किया गया, जिसमें लगभग ,500 परिवार भक्त, शिष्य, जिज्ञासु, अध्यात्म प्रेमी शामिल हुए । नेतृत्वकर्ताओ में सर्वश्री दयाराम कश्यप, तुलाराम कश्यप, सोन सिंग भारती, दयानिधि मौर्य, श्रीमती चिंतामणि बघेल, श्रीमती ललिता भारती, श्रीमती सुमित्रा साहू, श्रीमती उर्मिला मौर्य, श्रीमती हेमवती मौर्य, कमलू राम कश्यप, दयाराम भारती, दशरथ कश्यप, नीलांबर भद्रे, डमरू कश्यप, चंद्रशेखर साहू, चंद्र लाल ,नवीन मौर्य, विशाल भद्रे, सुदर यादव, अंबिका मौर्य, कांति भद्रे, रामवती, गुरुवारी, नीला, पूनम, गोमती कश्यप, लखपति बघेल लोकनाथ मौर्य ,(विद्यार्थी विहंगम योग) भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ।