वन विभाग ने मटेरियल सप्लाई का कार्य अपने चहते फर्म को दे किया उपकृत एक ही कार्य की निविदा कई बार हुई आमंत्रित एवं निरस्त, नियम कानून को ताक पर रख दिया गया कार्य

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जगदलपुर ।वन विभाग द्वारा वार्षिक समय काल हेतु विभिन्न वस्तुओं के लिए निविदा आमंत्रण के दौरान अपने चहेतों को रेवड़ी बांटने का मामला सामने आया है । मिली जानकारी के अनुसार वन संरक्षक कार्यालय में पिछले दिनों विभिन्न कार्यों के लिए आमंत्रित निविदा खोली जानी थी, लेकिन समय बीत जाने के पश्चात भी निवेदन नहीं खोली जा रही थी। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ बोलने से कतराते फिर रहे थे ।इस निविदा में शामिल ठेकेदार भी कुछ बोलने से बच रहे थे, लेकिन रात्रि पर 9 बजे कुछ जिम्मेदार अधिकारी एवं कुछ चाहते ठेकेदार की उपस्थिति में उक्त निविदा को खोला गया और अपने चहेते ठेकेदार के नाम एवं उस कार्य का आबंटन कर दिया गया।

मिली जानकारी के अनुसार कांकेर के दो फर्म रमन एवं दीपिका एंटरप्राइजेस को उक्त कार्य का आबंटन करने हेतु रायपुर से बराबर दबाव बना हुआ था। इस कारण इस कार्य के लिए आमंत्रित निविदा करीब 5 से 6 बार बिना खुले ही निरस्त कर दी गई ।स्थानीय ठेकेदारों ने इस मामले में इस प्रतिनिधि को बताया कि वन विभाग के अधिकारी पूरी तरह से नियम कानून से परे ऊपरी आदेश का पालन कर उनके चाहतों को कार्य दिलाने हेतु प्रतिबद्द दिख रहे हैं। इस वार्षिक मटेरियल सप्लाई का ठेका कार्य जो कई करोड़ रुपए का होता है उसे अपनों को देकर इस मटेरियल प्रदाय कार्य में भ्रष्टाचार करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है ।

इस मामले की जानकारी मिलने पर संबंधित अधिकारी से कई बार इस मामले पर चर्चा करने का प्रयास किया गया किंतु उन से चर्चा नहीं हो पाई इस निविदा प्रकरण में कुछ जानकारों का कहना है कि स्थानीय ठेकेदारों की उपेक्षा कर जिस प्रकार से बाहरी लोगों को उपकृत करने का प्रयास वन विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है उससे यही साबित हो रहा है कि सत्ता बदलने के बाद भी भ्रष्ट अधिकारी की मिलीभगत से अपने अपनों को कमीशन के आधार पर नियम कानून की उपेक्षा कर करोड़ों के कार्य देकर उन्हें उपकृत किया जा रहा है।