- नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण, नंदराज पहाड़ अडानी को देने, वनोपज आदि मुद्दे उठाए
जगदलपुर बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से आठ सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि रमन सिंह सरकार के पंद्रह सालों के कार्यकाल में बस्तर बदहाल स्थिति में पहुंच गया था। प्रदेश अध्यक्ष बैज ने आरक्षण विधेयक, नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण, नंदराज पहाड़, की खदानें अडानी समूह को दी जाने, एनएमडीसी का मुख्यालय छ्ग में न होने, दल्ली राजहरा- जगदलपुर रेल लाईन निर्माण रोके जाने, भारतमाला परियोजना से बस्तर संभाग को वंचित रखने, वन अधिकार तथा बस्तर में फर्जी मुठभेड़ पर सवाल उठाए। वहीं प्रभारी सचिव सप्तगिरी उल्का, मंत्री कवासी लखमा व मोहन मरकाम ने भी सवाल दागे।
आदिवासियों पर जुल्म ढाए भाजपा ने
बैज ने कहा कि 15 साल तक छत्तीसगढ़ में राज करने वाली रमन सिंह सरकार ने बस्तर के आदिवासियों को जल,जंगल और जमीन के संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा, पचासों आदिवासी युवाओं और बच्चों को फर्जी मुठभेड़ों में मरवा दिया गया, आदिवासियों के खिलाफ पुलिस ने फर्जी मामले दर्ज कराकर उन्हें अदालती पचड़े में फंसा दिया गया, सैकड़ों आदिवासी जेलों ने डाल दिए गए, आदिवासियों को बेदखल कर उनकी जमीन उद्योगपतियों को दे दी गई। आदिवासियों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले भाजपा नेताओं को छत्तीसगढ़ के आदिवासी कभी माफ नहीं करेंगे।
नगरनार स्टील प्लांट पर जवाब दें शाह
दीपक बैज ने कहा कि आदिवासी किसानों की जमीन पर स्थापित नगरनार इस्पात संयंत्र को भी मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्र के हवाले करने जा रही है। ऐसा करके मोदी सरकार बस्तर के आदिवासी युवाओं को नौकरियों के अवसर से वंचित कर रही है। बैज ने एनएमडीसी का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में न होने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती रत्नगर्भा है। यहां लौह अयस्क और अन्य खनिजों के अकूत भंडार हैं, बावजूद राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में न रखकर हैदराबाद में बनाया गया है।उन्होंने कहा कि रमन सरकार के कार्यकाल में बैलाडीला पर्वत श्रृंखला के नंदराज पहाड़ का बड़ा भाग लौह अयस्क खनन के लिए अडानी समूह को लीज पर दे दिया गया है। केंद्र सरकार इस लीज को क्यों निरस्त नहीं कर रही है? बैज ने कहा कि बस्तर की धरती पर खडे होकर अमित शाह को इन दोनों मुद्दों का जवाब देना होगा।
भारतमाला से बस्तर अछूता क्यों?
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि भारतमाला परियोजना एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके तहत सड़कों से अनेक राज्यों को आपस में जोड़ा जा रहा। ऐसी ही एक सड़क बस्तर के नगरनार से महज कुछ किलोमीटर दूरी से निकल रही है, मगर इसका लाभ बस्तर को नहीं मिल रहा है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के तहत वाया नगरनार जगदलपुर को भी जोड़े जाने पर जोर दिया।
जगदलपुर -दल्ली रेल लाईन क्यों अटकाई?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जगदलपुर – दल्ली राजहरा रेल लाईन के निर्माण को मोदी सरकार ने लंबित कर दिया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होने और बस्तर के आदिवासियों के कांग्रेस के पक्ष में एकजुट हो जाने के का बदला भाजपा ले रही है। बैज ने कहा कि यह रेल लाईन न सिर्फ बस्तर संभाग, बल्कि रायपुर और दुर्ग संभागों के रहवासियों के लिए एक बड़ी सौगात होगी, बल्कि भिलाई स्टील प्लांट और नगरनार स्टील के लिए भी यह स्वर्णिम अध्याय साबित होगी। इस रेल लाईन से बैलाडीला खदान समूह की खदानों से निकलने वाले लौह अयस्क का परिवहन आसान हो जाएगा। बैज ने कहा कि इस मसले पर भी अमित शाह से कुछ कहेंगे, ऐसी उम्मीद बस्तर वासियों की है।
आरक्षण विधेयक क्यों लटकाया?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं बस्तर के सांसद दीपक बैज ने कहा कि आरक्षण विधेयक को राजभवन में लंबित रखवा कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के आदिवासियों, ओबीसी, अनुसूचित जाति व गरीब तबके के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। बैज ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की केबिनेट ने आरक्षण विधेयक पारित कर मंजूरी के लिए राजयपाल के पास कई कई माह पहले भेज दिया है। विधेयक में आदिवासियों को 32 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और गरीबों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान हमारी सरकार ने किया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दबाव में यह विधेयक राजभवन में अटका हुआ है। इसके अलावा बैज ने कई अहम सवाल भी शाह के समक्ष रखे हैं।