- बघेल बढ़ती लोकप्रियता का असर, विधायक दफ्तर जाकर शामिल हुए कांग्रेस में
बकावंड क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल के निवास पहुंचकर 113 लोगों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। श्री बघेल ने सभी का कांग्रेस परिवार में स्वागत किया।आज छोटे जीराखाल से 46 व भाटपाल से 67 ग्रामीणों ने कांग्रेस प्रवेश करने की इच्छा जाहिर की।
महिला कार्यकर्त्ता कांति बघेल ने कहा कि हमारे क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक लखेश्वर बघेल की कार्यशैली बहुत अच्छी है। सबके सुख दुख में साथ रहते हैं, हर प्रकार का सहयोग उनसे निरंतर मिलते रहता है। इसी कारण आज हम कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। चुनाव नजदीक आते आते लोगों में काफी बदलाव आ रहा है और प्रायः हर दिन अलग- अलग गांव के लोग विधायक लखेश्वर बघेल के सानिध्य में आकर कांग्रेस पार्टी में प्रवेश कर रहे हैं। ग्राम पंचायत गिरोला में कार्यकर्त्ता सम्मेलन आयोजित किया गया था। सम्मेलन में दाबगुड़ा, पाहुरबेल, जैतगिरी, बड़े देवड़ा, सोनपुर, सौतपुर के कार्यकर्त्ता और ग्रामीण शामिल हुए। लोग श्री बघेल का डीआरडीओ से स्वागत करते हुए उन्हें सभा स्थल तक ले गए। रास्ते में भी जगह-जगह विधायक लखेश्वर बघेल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। आज गिरोला स्थित बाड़ा में 146 लोगों ने पार्टी की रीति नीति, भूपेश बघेल सरकार के कार्यों और लखेश्वर बघेल की कार्यशैली से प्रभावित होकर कांग्रेस प्रवेश किया। दाबगुड़ा के युवााओं में काफी उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कांग्रेस प्रवेश कराने में बड़ी भूमिका अदा की है। कांग्रेस में शामिल हुए लोग पहले भाजपा के लिए काम करते थे। उनसे चर्चा कर विधायक बघेल उनकी परेशानियों से अवगत हुए। बघेल ने कहा कि जिस तरह छत्तीसगढ़ के समूचे जिलों में हमनें योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया है। क्षेत्र में भी विकास की गति बहुत ही तेज है। हमने कोरोना जैसे महामारी में भी लोगों के बीच रहकर उनकी हर संभव मदद करने का कार्य किया। आज इसी तरह लोगों के बीच रहकर काम करते हुए देख लोग बदलाव की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस दौरान उत्तम नाइक, जगमोहन बघेल, शोभाराम मारकंडेय, गोपाल कश्यप, अर्जुन पांडे, बिगनेश्वर, हेमराज बघेल, सत्येंद्र गागड़ा, सोनाधर, मोहन झाली, बद्रीनाथ जोशी, बोंडकी, जितेंद्र तिवारी, नीलम कश्यप, राजेश कुमार, राजेंद्र, गंगाधर, विद्याधर, मदोन, लैखन, महादेव, चतुर, शत्रुघन, सोनसिंह, केशबो, खगपति, लखी, चरमू, मोतीराम, गोविंद, दामूधर, धरमसिंह, सुभाष, ललित, मदन मोहन, नाथोलाल, राजऋषि, लखीराम, जम्मीर एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्त्ता व ग्रामवासी मौजूद थे।