आदिवासी क्षेत्र के पुरातत्विक अवशेष को संरक्षित करने ग्रामीणों ने दी राज्यपाल को चेतावनी।

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मानपुर :-(महेंद्र साहू)छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला के अंतर्गत मानपुर विकासखंड के बोरिया जक्के खड़गांव की सरहद में आदिवासियों के देव स्थल, आदिम युगीन पुरातात्विक किल्लो कोर रचचा परमहासुर घोटूल पल्लेमाडी नामक स्थल है जहां लगातार औद्योगिकीकरण बढ़ रहा है और प्राचीन

पुरातात्विक अवशेष नष्ट किए जा रहे हैं 3 वर्ष पूर्व राज्यपाल तथा सभी प्रशासनिक अधिकारियों को आवेदन के माध्यम से अवगत किया था परंतु आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही संरक्षण की प्रक्रिया को लेकर नहीं हुई । जिसको ध्यान में रखते हुए मंगलवार को पाना बरस राज 360 परगना के राजा स्वर्गीय लाल श्याम शाह के पुत्र लक्ष्मेन्द्र शाह, पुरातात्विक एवं गोंडी भाषा के आचार्य दादा शेरसिंह का अचला, मोती हिरवानी, हेमलाल दर्रो, लखनलाल कलामें, ग्राम पटेल, गयाता, मांझी, कोटवार आदि ने भ्रमण के पश्चात यह निर्णय लिया है कि इस स्थल को संरक्षित करने के लिए राज्यपाल को 15 दिनों के निवेदन पत्र के माध्यम से संरक्षित हेतु आवेदन प्रस्तुत करते हैं यदि 15 दिनों के भीतर किसी भी प्रकार से संरक्षण हेतु जवाब नहीं आता है तो किल्ले कोरच्चा पल्लेमाडी बोरिया से से पैदल मार्च करते हुए राजभवन आकर अपनी समस्या बताएंगे तथा यहां से समाधान होने के पश्चात ही वापस जाएंगे।