गढ़िया का बेटा साबित होगा सच्चा छत्तीसगढ़िया सपूत

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  • दीपक बैज के किले को भेद पाना किसी के बूते में नहीं
  •  कई सीटों पर पड़ेगा कांग्रेस के पक्ष में सकारात्मक असर
    -अर्जुन झा-

जगदलपुर।बस्तर जिले के चित्रकोट जलप्रपात का दृश्य बड़ा ही मनोहारी है, दुनियाभर में उसकी अच्छी लोकप्रियता है। वैसी ही किवदंती चित्रकोट के ग्राम गढ़िया में जन्मे बस्तर के माटी पुत्र दीपक बैज के साथ भी जुड़ी हुई है। बस्तर के इस दीपक से समूचा चित्रकोट ही नहीं, बल्कि समूचा बस्तर लोकसभा क्षेत्र आलोकित हो रहा है। दीपक बैज तीसरी बार विधानसभा चुनाव में मैदान पर हैं और जनचर्चा के मुताबिक गढ़िया का यह बेटा अब सच्चा छत्तीसगढ़िया सपूत साबित होने वाला है। उनके चित्रकोट सीट से चुनाव लड़ने का सकारात्मक असर बस्तर संभाग की कई विधानसभा सीटों पर भी दिखाई देगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद दीपक बैज को विधानसभा चुनाव में चित्रकोट से प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने बड़ा ही दुरुस्त फैसला किया है। कांग्रेस के इस फैसले का व्यापक और सकारात्मक असर मुकम्मल तौर पर नजर आएगा। एक सांसद के रूप में दीपक बैज ने बस्तर के विकास में जो योगदान दिया है, उससे क्षेत्र के लोग बेहद प्रभावित हैं। वे दो बार चित्रकोट के विधायक रह चुके हैं और बतौर विधायक उन्होंने चित्रकोट क्षेत्र में जो काम कराए, उन कार्यों को लोग आज भी भूल नहीं पाए हैं। दीपक बैज चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र के लोहंडीगुड़ा विकासखंड में स्थित गढ़िया गांव के मूल निवासी हैं। इस क्षेत्र में लोहंडीगुड़ा और तोकापाल विकासखंडों के गांव शामिल हैं। इन दोनों ही विकासखंडों में दीपक बैज की गहरी पैठ है। बस्तर के गांवों में एक अच्छी परिपाटी है रिश्ते की। यहां खून के रिश्ते के अलावा आपसी रिश्ते भी बड़े मजबूत होते हैं। गांव के लोग किसी न किसी रिश्ते से आपस में जुड़े रहते हैं। वैसा ही दीपक बैज के साथ भी है। गढ़िया गांव में वे किसी के भतीजे हैं, तो किसी के भांजे, किसी के छोटे भाई हैं, तो किसी के बड़े। किसी महिला के देवर हैं, तो किसी के जेठ और किसी बच्चे, किशोर व युवा के चाचा हैं, तो किसी के मामा। यानि गढ़िया समेत दोनों ब्लॉकों के गांवों में उनके साथ हर किसी का प्यार भरा बंधन है। दीपक बैज हर किसी से आत्मीय रूप से जुड़े हुए हैं। हर घर और हर परिवार से उनका कोई न कोई रिश्ता जरूर बना हुआ है। बस्तर के लोग रिश्ता निभाना अच्छे से जानते हैं और अगर रिश्ते में खटास आई, तो मजा चखाने से भी नहीं चूकते। मगर दीपक बैज से ग्रामीणों का जो रिश्ता कायम है, उसमें खटास की कोई गुंजाईश नहीं है। वे जब गढ़िया गांव में मौजूद रहते हैं, तब उनके निवास में लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है। कोई फरियाद लेकर आया होता है, तो कोई सिर्फ मुलाकात करने, मगर निराश होकर किसी को लौटना नहीं पड़ता। इस तरह गढ़िया का यह बेटा हर किसी का लाड़ला बना हुआ है और अब सच्चा छत्तीसगढ़िया सपूत बनने की ओर तेजी से अग्रसर है।

दूर तलक बिखरेगी दीपक की रौशनी
चित्रकोट शुरू से कांग्रेस का अभेद्य गढ़ रहा है। इस कांग्रेसी किले को दीपक बैज ने अपने पसीने से और सतत सक्रियता के बूते और भी मजबूती प्रदान की है। इस बार तो इस कांग्रेसी किले को भेद पाना भाजपा के लिए और भी मुश्किल है। यही नहीं गढ़िया के ‘दीपक’ की रौशनी से अकेला चित्रकोट क्षेत्र ही नहीं, वरन जगदलपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र भी आलोकित होने जा रहे हैं। कांग्रेस ने दीपक बैज को चित्रकोट से चुनावी समर में उतारकर एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं। दीपक बैज को विधानसभा चुनाव लड़ाने से इन सभी सीटों पर भी कांग्रेस की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। इन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की राह और भी आसान हो जाएगी। नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर भले ही चित्रकोट से कुछ ज्यादा दूर हैं, मगर ये सीटें भी दीपक की लौ से जरूर आलोकित होंगी।