एनएसपी के निजीकरण विरोध में पंच – सरपंचों के तेवर आक्रामक

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  • नगरनार इस्पात संयंत्र के गेट -1 के सामने 27 को होगा आंदोलन
  • संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति के बैनर तले निजीकरण के खिलाफ खोला मोर्चा

नगरनार एनएमडीसी द्वारा स्थापित नगरनार स्टील प्लांट ( एनएसपी ) के निजीकरण के खिलाफ जगदलपुर विकासखंड के पंच – सरपंचों और ग्रामीण अब आक्रामक तेवर अपनाते नजर आ रहे हैं। एनएसपी को निजी हाथों में जाने से बचाने के लिए संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति का गठन किया गया है। समिति के बैनर तले 27 जनवरी को प्लांट के गेट पर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने प्लांट बंद रखवाने की भी तैयारी कर ली है।राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) द्वारा नगरनार में करीब 147 हेक्टेयर जमीन पर स्टील प्लांट की स्थापना की गई है।

जिस जमीन पर प्लांट स्थापित किया गया है, वह जमीन नगरनार, उपनपाल, कस्तूरी, धनपूंजी, बम्हनी, माड़पाल, तिरिया आदि ग्राम पंचायतों के आदिवासी किसानों की तथा शासकीय है। जमीन का अधिग्रहण छग शासन द्वारा किया जाकर उसे जिला उद्योग केंद्र जगदलपुर के हवाले किया गया था। बाद में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार पर दबाव डालकर पूरी जमीन एनएमडीसी को 99 साल की लीज पर दिलवा दी। नगरनार के सरपंच लेखन बघेल, उपनपाल की सरपंच कामनी नागेश, बम्हनी की सरपंच यशोदा साहनी तथा धनपूंजी, माड़पाल, तिरिया, कस्तूरी आदि ग्राम पंचायतों के पंच, सरपंचों और ग्रामीणों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के लिए अधिग्रहित जमीन का स्वामित्व परिवर्तन एनएमडीसी के नाम पर करा दिया है। इससे बस्तर का बड़ा अहित होगा, स्थानीय युवाओं के रोजगार पाने की उम्मीद पर पानी फिर जाएगा तथा आदिवासियों का हक छिन जाएगा। नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण के प्रयासों का पुरजोर विरोध करने तथा इसके लिए किसी भी स्तर तक जाने का संकल्प पंच, सरपंचों और ग्रामीणों ने ले लिया है। उक्त सभी ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर 27 जनवरी को सुबह 6 बजे से नगरनार स्टील प्लांट के गेट नंबर -1 के सामने धरना देने, प्रदर्शन करने एवं प्लांट का कामकाज बंद करवाने की सूचना दी है। सरपंचों ने कहा है कि केंद्र सरकार ट्रांजेक्शन एडवाइजर एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमि. के माध्यम से रूचि की अभिव्यक्ति के लिए अनुरोध के तहत नगरनार इस्पात संयंत्र में सामरिक विनिवेश की प्रक्रिया अपनाकर संयंत्र का निजीकरण करना चाहती है। सरपंचों ने विनिवेश की प्रक्रिया को रद्द करने तथा नगरनार स्टील प्लांट को निजीकरण वाली कंपनियों की सूची से अलग रखने की मांग की है। सरपंचों ने निजीकरण न रोकने पर आंदोलन का विस्तार करने की चेतावनी भी दे दी है।