सेल कर्मचारियों दवारा कंपनी के घाटे में रहने के दौरान विभिन्न सुविधा- भत्तों में कटौती के बावजूद एवं इसी तरह कोविड-19 जैसी महामारी के चरम स्तर पर रहने के दौरान भी सभी जोखिमों का सामना करते हुए सयंत्र के उत्पादन की निरंतरता को बनाये रखा | जिससे पिछले तीन वित्तीय वर्षों से कंपनी अच्छी लाभ की स्थिति में है।
किन्तु विगत 53 माह से अधिक लंबित वेतन समझौता पर प्रबंधन की ओर से प्रस्तुत की गई। प्रस्तावों से कर्मचारियों को लाभ होने के स्थान पर उल्टा नुकसान होना तय है । इसके बावजूद पिछले पांच एनजेसीएस बैठकों में प्रबंधन कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाकर अपने द्वारा रखी गई नकारात्मक प्रस्ताव पर ही अडिग है | इसी तरह कोविड-19 से 250 से अधिक कर्मियों की मृत्यु होने पर क्षतिपूर्ति । आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति का कोई प्रावधान भी नहीं किया गया है।
इस प्रकार प्रबंधन के लगातार नकारात्मक रुख होने से भिलाई इस्पात सयंत्र के खदान कर्मचारी आहत एवं आक्रोशित है | अतः हम भिलाई इस्पात संयंत्र के अधीनस्थ लौह अयस्क खान समूह के अधोहस्ताक्षरित यूनियनें यह मांग करते हैं कि :
1) 15% एमजीबी व 35% पर्क तथा 01-01-2017 से एरियर्स के साथ शीघ्र से शीघ्र वेतन समझौता किया जाये।
2) ग्रेच्युटी तथा किसी भी तरह की कोई भी वर्तमान सुविधा में कटौती ना हो ।
3) एनजेसीएस में ही ठेका श्रमिकों के वेतन, सुविधा-भत्तों पर कोल माइंस के तर्ज पर वेतन समझौता किया जाये /आई.ओ.सी. राजहरा में कार्यरत ठेका श्रमिकों का S.S.5. के समान वेतन समझौता किया जाये ।
4) आई.ओ.सी. राजहरा में कार्यरत ठेका श्रमिकों को दूरस्थ एवं कठिनस्थ विशेष भता (DASA) दिया जाये |
5) पेंशन हेत वर्ष 2014 के एनजेसीएस में तय प्रबंधन के अंशदान 6% के स्थान पर वर्ष 2015-16 16-17 व 17-18 में प्रबंधन दवारा एक तरफा कटौती का निर्णय लेकर दिए गए 2% अंशदान को वापस लेकर NCS समझौता के अनुसार प्रबंधन अपना 6% अंशदान जमा करे ।
6) कोविड 19 संक्रमण से मृत कर्मचारियों के परिवार के एक आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति एवं क्षतिपूर्ति राशि दिया जाये
7) समस्त नियमित व् ठेका कर्मचारियों का 50 लाख रूपये का बीमा किया जाये (जिसमें कोविड 19 जोखिम शामिल हो ) ।
उपरोक्त मांगों को लेकर लौह अयस्क खान समूह के कर्मचारी औद्योगिक संबंध अधिनियम 1948 की धारा 22 के अन्तर्गत दिनांक 30.06.2021 के प्रातः 6.00 बजे से 24 घंटे की हड़ताल में रहेगे।