स्टील प्लांट की लोडिंग साईट का सीसीटीवी कैमरा गायब

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  • ठेकेदार एवं अफसरों की सांठगांठ से कच्चा लोहा प्लांट से पार करने का खेल
  • कड़े सुरक्षा घेरे से वाहन चालक कैसे हो गए फरार?

अर्जुन झा

नगरनार एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट से लोहा चोरी के मामले में नई जानकारी सामने आई है। प्लांट की लोडिंग साईट का सीसीटीवी कैमरा गायब है। चोरी के मामलों के सबूत सामने न आने पाएं इसलिए कैमरे गायब किए जाने की चर्चा है।

स्टील प्लांट में उत्पादन शुरू होने के कुछ दिनों बाद से ही लोहा चोर सक्रिय हो गए हैं।लोहा चोर कुछ ठेकेदारों एवं अफसरों से सांठगांठ कर प्लांट से निकलने वाले पिग आयरन को ट्रकों से पार किया करते थे। खबर है कि लेनदेन का खेल नही जमने पर मामला बाहर आ गया। चोरी में प्लांट के अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। चोरी को बढ़ावा देकर मोटी कमाई करते आ रहे अफसरों को बचाने के लिए लोडिंग साईट में लगा सीसीटीवी कैमरा ही गायब करवा दिया गया है।प्लांट को हर कोण से और चारों ओर सीसीटीवी कैमरों से लैस कर आने जाने वाले लोगों और वाहनों पर नजर रखी जाती है। इतनी कड़ी निगरानी के बावजूद एक रजिस्ट्रेशन नंबर वाले दो बड़े ट्रकों से पिग आयरन कैसे पार कर दिया गया? वहीं लोडिंग साईट जहां से रोजाना करोड़ों का लोहा ट्रकों पर लोड कर दीगर राज्यों में भेजा जाता है, वहां सीसीटीवी कैमरे से निगरानी क्यों नहीं की जाती? ये जांच के अहम बिंदु हैं

लोहा कारोबारियों से है अफसर के संबंध

अब तक की जांच में पुलिस को कुछ खास सुराग हाथ नही लगा है। प्लांट के अफसर भले ही सहयोग करने की दलील दे रहे हैं, लेकिन इस घालमेल में प्लांट के ही अफसर के लिप्त होने की आशंका जताई जा रही है। खबर है कि उक्त अफसर के दूसरे राज्यों तथा रायपुर के लोहा कारोबारियों से मधुर संबंध हैं। चोरी का लोहा इन्हीं कारोबारियों के पास खपाए जाने की चर्चा है। नगरनार स्टील प्लांट में उत्पादन तीन माह पहले शुरू हुआ है और अब तक वहां से हजारों टन लोहा पार कर दिए जाने की खबर है। जानकारी के अनुसार ब्लास्ट फर्नेस से निकलने वाले वेस्ट रा आयरन के टुकड़े बड़ी मात्रा में जमा होते हैं। इसे ही पिग आयरन कहा जाता है। सूत्रों के अनुसार अब तक 60 हजार टन से अधिक पिग आयरन की बिक्री की जा चुकी है। स्टील प्लांट के जिस भाग में पिग आयरन की लोडिंग होती है, वहां का सीसीटीवी कैमरा ही गायब है। प्लांट की यह लोडिंग साईट काफी महत्वपूर्ण भाग है। वहां सीसीटीवी कैमरा होने से ठेकेदार और अधिकारियों की सांठगांठ की आशंका को बल मिल रहा है। संयंत्र के मेन गेट से लेकर चारों ओर कैमरे के जरिए निगरानी की जाती है। सूत्रों का कहना है कि यह खेल काफी दिनों से चल रहा है। खबर है कि 30 टन पासिंग वाले ट्रकों पर 40 टन कच्चा लोहा लोड कर बाहर भेजा जाता रहा है। इस तरह प्रत्येक ट्रक में औसतन आठ टन लोहा चोरी का खेल चलता रहा है।

प्लांट के अंदर ही सारा खेल

दो दिन पहले चोरी के पिग आयरन के साथ जप्त किए गए एक ही नंबर वाले दो ट्रकों का राज भी बड़ा गहरा है। इस मामले की जांच नगरनार पुलिस कर रही है। खबर है कि प्लांट के भीतर ही नंबर प्लेट बदलने का खेल चलता है। यह इस बात का संकेत देता है कि लोहा चोरी की प्लानिंग प्लांट के अंदर ही की जाती है। फिलहाल पुलिस के हाथ खाली हैं। वाहन चालक भी फरार हैं जिनका कोई सुराग अब तक नही मिल पाया है।

वर्सन

मामले की जांच जारी

स्टील प्लांट पूरी तरह सीआईएसएफ के सुरक्षा घेरे में है। सीआईएसएफ की तैनाती के बाद संयंत्र से किसी भी सामग्री की चोरी नहीं हुई है। पिग आयरन की चोरी का पर्दाफाश सीआईएसएफ के जवानों ने ही किया और मामला नगरनार पुलिस के हवाले किया है। एक ही नंबर का दो वाहन प्लांट में कैसे प्रवेश कर गए, इसकी जांच की जा रही है।

रफीक अहमद,महाप्रबंधक एवं संचार प्रमुख, नगरनार स्टील प्लांट