संकल्प यात्रा की आड़ में पंचायतों के खर्च पर मोदी का प्रचार : लखेश्वर बघेल

0
64
  • छत्तीसगढ़ में विकास कार्य पूरी तरह ठप, बड़ी संख्या में मजदूर कर रहे हैं पलायन

जगदलपुर बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा है कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने और भाजपा की सरकार बनने के बाद से निर्माण एवं रोजगार मूलक कार्य पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं। काम की तलाश में रोजाना बड़ी संख्या में विजयवाड़ा, हैदराबाद की ओर मजदूरों का पलायन चिंता का विषय बना हुआ है।
बघेल ने कहा कि भाजपा धान की दर 31 सौ रू. प्रति क्विंटल देने, हर महिला को प्रति माह 1000 रु. देने, 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने, किसानों और स्व.सहायता समूहों का कर्ज माफ करने जैसे बातें हो या बड़े- बड़े वादे करके छत्तीसगढ़ की सत्ता में काबिज हुई। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों से फार्म भी भरवाए थे। सत्ता में आने के डेढ़ माह बाद भी लोगों को भाजपा की एक भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।मतदाता भाजपा को वोट देकर पछता रहे हैं और कांग्रेस के अच्छे दिनों को याद कर रहे हैं। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के एक घंटे के अंदर अपने महत्वपूर्ण घोषणाओं को पूरा कर दिया था।

सरकारी खर्च पर भाजपा का प्रचार
विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा है कि जबसे भाजपा की सरकार बनी है, सरकारी दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह से ठप है। निर्माण कार्य, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के काम बंद पड़े हैं। अधिकारी कर्मचारी दफ्तरों में न बैठकर ग्राम पंचायतों के खर्च पर विकसित भारत संकल्प यात्रा में व्यस्त हैं। संकल्प यात्रा में केंद्र सरकार की योजनाओं से ज्यादा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा का प्रचार हो रहा है। मंच पर भाजपा के पदाधिकारियों को जगह मिलती है और निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि नीचे जमीन पर बैठ रहे हैं। संकल्प यात्रा में ग्राम पंचायत के खर्च पर अधिकारी कर्मचारी पिकनिक मना रहे हैं। जनता के इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि धान का 3100 रू., महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रु., 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, दो लाख रुपए तक की कर्जमाफी का लाभ कब मिलेगा?

मोदी ने देश को 20 साल पीछे किया
विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 के बाद आर्थिक सर्वेक्षण न कराकर देश के विकास को 20 साल पीछे धकेल दिया है। विकास का ये हाल है कि अभी तक वर्ष 2002 के सर्वे सूची में शामिल सभी लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का संपूर्ण लाभ नहीं मिला है। बीते 20 साल में कई परिवार अमीर हो गए। नोटबंदी और कोरोना ने कई परिवारों का रोजगार छीनकर उन्हें गरीब बना दिया, पर उनके नाम 2002 और 2011 की सर्वे सूची में शामिल न होने से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे हर बार की तरह इस बार भी विकसित भारत संकल्प शिविर में आकर भटक रहे हैं। विधायक श्री बघेल ने कहा कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार वास्तविक गरीबों का कल्याण चाहती है तो तत्काल वर्ष 2023 में सरकार द्वारा कराए गए सामाजिक और आर्थिक गणना को लागू करे।