- प्रत्याशी घोषित न करने से भाजपा हुई हमलावर
- भाजपा के प्रहार से कांग्रेस की हो रही है बड़ी फजीहत
अर्जुन झा
जगदलपुर बस्तर लोकसभा सीट के लिए बुधवार 20 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है, मगर कांग्रेस नें अपने उम्मीदवार की घोषणा अब तक नहीं की है। कांग्रेस द्वारा बस्तर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित न किए जाने से कांग्रेस पर हमला करने के लिए भाजपा को बड़ा मौका मिल गया है। भाजपा के छोटे बड़े नेता कांग्रेस पर हमलावर हैं और इससे कांग्रेस के प्रति आम मतदाताओं में अविश्वास की भावना पनप रही है। चुनाव में कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भाजपा ने बस्तर लोकसभा सीट के लिए अपने एक सामान्य कार्यकर्ता महेश कश्यप को काफी पहले से ही उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कश्यप नें अपना चुनावी अभियान जोर शोर से चला रखा है। भाजपा के स्थानीय नेता कार्यकर्ता भी जोशो खरोश के साथ पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मैदान पर मोर्चा सम्हाल चुके हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी खेमे में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। कांग्रेस के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मिडिया के भरोसे भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं, हमले कर रहे हैं। धरातल पर उनकी सक्रियता जरा भी नजर नहीं आ रही है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पहुंच बस्तर के अधिकांश अंदरूनी गांवों में नहीं है। लिहाजा पत्रकार वार्ता करने वाले नेताओं की बात इन गांवों के आम लोगों तक पहुंच नहीं पाती। जबकि भाजपा के प्रत्याशी, नेता और कार्यकर्ता अंदरूनी गांवों में भी पहुंच रहे हैं।बात करें कांग्रेसी खेमे की, तो लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा नियुक्त समन्वयक रेखचंद जैन ही जगदलपुर और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्रों में आम मतदाताओं व कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच रहे हैं।
वहीं शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य भी कुछेक दफे पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेते दिखे हैं। कांग्रेसी खेमे मे उपजे मातमी माहौल के लिए बस्तर संभाग के सुकमा जिले से विधायक एवं पूर्व मंत्री कवासी लखमा द्वारा पुत्र मोह में उठाए जा रहे कदम और काफी हद तक कांग्रेस नेतृत्व को जिम्मेदार माना जा रहा है। कांग्रेस नेतृत्व की उदासीनता और कवासी लखमा के के पुत्रमोह को देखते हुए कांग्रेस पर भाजपा के नेता तंज कसने लगे हैं कि कांग्रेस परिवार वादी पार्टी है। कांग्रेस नेताओं के बेटे बेटियों को ही कांग्रेस द्वारा राजनीति मे आने का मौका दिया जाता है। जबकि भाजपा में बूथ लेवल के कार्यकर्ता को भी सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने का मौका मिलता है। इसके उदाहरण के तौर पर भाजपा के नेता अपने प्रत्याशी महेश कश्यप को आम मतदाता के बीच प्रस्तुत कर रहे हैं। भाजपा के नेता हर छोटे बड़े मंच से यह प्रचारित कर रहे हैं कि कांग्रेस को बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहा है, कांग्रेस के नेता अपने बेटे को टिकट दिलाने की कोशिश में लगे हैं, यह कांग्रेस के परिवार वाद का एक बड़ा उदाहरण है। भाजपा के नेता परिवार वाद के साथ ही कांग्रेस नेताओं की टांग खिंचाई को भी बड़ा मुद्दा बनाकर जनता के बीच मुखर हैं। इससे कांग्रेस के प्रति लोगों में अविश्वास की भावना प्रबल होती जा रही है।
सोनिया, राहुल, प्रियंका लड़ लें
बुधवार को ही बस्तर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के बेनूर कस्बे में आयोजित भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप नें कांग्रेस को बे – नूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कांग्रेस की नूर (आभा, चमक) उतारकर रख दी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में बेनूर में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस को बस्तर सहित अन्य लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। बस्तर के एक नेता अपने बेटे को लांच करने के लिए दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। कांग्रेस डूबती नैया है। इस नैया पर सवार नेता अपना अस्तित्व बचाने के के लिए कूद कूद कर भाग रहे हैं। श्री कश्यप ने कहा कि अगर कांग्रेस को प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं, तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को यहां से चुनाव लड़ा लें। वे भी हमारे प्रत्याशी के सामने टिक नहीं पाएंगे।