- हत्या में शामिल रहे हैं भिलाई के तीन अपराधी
-अर्जुन झा-
जगदलपुर नारायणपुर के कांग्रेस नेता विक्रम बैस के अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटे के अंदर सुलझा ली है। मामले में छह आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। 13 मई को आरोपियों द्वारा नारायणपुर निवासी विक्रम बैस की हत्या पुरानी रंजिश के चलते की गई थी। घटना में प्रयुक्त पिस्टल, गंडासा, दोपहिया वाहन, आरोपियों के मोबाईल आदि जप्त किए गए हैं। नारायणपुर, दुर्ग, रायपुर एवं बिलासपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस मामले को सुलझाया है। पकड़े गए आरोपियों में 48 वर्षीय विश्वजीत नाग पिता हाराधन जाति बंगाली कायस्थ निवासी बेलघड़िया जिला कलकत्ता हाल मुकाम बंगलापारा स्थित मनीष राठौर का गोदाम नारायणपुर, संदीप यादव उर्फ संजू पिता अरूण यादव 24 वर्ष साकिन सुभाष चौक गौठान के पास बोरसी थाना पद्मनाभपुर दुर्ग राजीव रंजन यति उर्फ राजू उर्फ बिहारी पिता हीरालाल यति जाति गोसाई 41 वर्ष निवासी पिपरा थाना मीरगंज गोपालगंज बिहार हाल मुकाम सड़क नं. 11 ब्लाॅक नं. 09 रूम नं. 11, सेक्टर 9 हाॅस्पिटल सेक्टर भिलाई, थाना कोतवाली, आर सैमुआल उर्फ रायनुन्तलम पिता स्व. आरसी रत्नम ईसाई 39 वर्ष निवासी सड़क नं. 09 ब्लाॅक नं. 01 रूम नं. 06 हास्पिटल सेक्टर 9 भिलाई, जसप्रीत सिंह उर्फ पोतू पिता स्व. सरदारा सिंह जाति सिक्ख 20 वर्ष निवासी खालसा विला बंगलापारा नारायणपुर, विवेक अधिकारी उर्फ सिदाम पिता हरविलास 28 वर्ष जाति नमोशूद्र बखरूपारा नारायणपुर शामिल हैं। 13 मई की रात्रि विक्रम बैस निवासी बखरूपारा नारायणपुर की धारदार हथियार व गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रकरण की गंभीरता को देते हुए पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार के निर्देशन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुड़िया के पर्यवेक्षण में निरीक्षक थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा, उप निरीक्षक धीरेंद्र तिवारी, सहायक उप निरीक्षक रूमंत देवांगन प्रभारी सायबर सेल के नेतृत्व में अलग-अलग टीम का गठन किया गया था।मामले में बारीकी से पूछताछ, सीसीटीवी फुटेज व सायबर एनालिसिस के आधार पर मनीष राठौर निवासी नारायणपुर के नाम सामने आए।
भिलाई में बनी थी मर्डर की प्लानिंग
मनीष राठौर, जसप्रीत सिंह सिद्धू, विश्वजीत नाग, विप्लव एवं विवेक अधिकारी द्वारा लगभग डेढ़ महीने पहले हत्या की साजिश रची गई थी। इस हेतु भिलाई के इंडियन काॅफी हाॅउस में पिस्टल खरीदने एवं हत्या की प्लानिंग हेतु मनीष राठौर, विश्वजीत नाग, राजीव रंजन यति उर्फ राजू उर्फ बिहारी, संदीप यादव उर्फ संजू और सैमुआल उर्फ रायनुन्तलम के साथ मीटिंग की गई थी। हत्या में उपयोग की गई पिस्टल सीवान बिहार से लाई गई थी। घटना को अंजाम देने के पहले दो दिनों तक आरोपियों ने मृतक की रेकी की थी। घटना के दिन विक्रम बैस को अकेला पाकर आरोपी संजू यादव और विश्वजीत नाग ने गंडासा से वार कर और पिस्टल से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। घटना मे प्रयुक्त पिस्टल को मनीष राठौर के गोदाम में छुपा दिया गया था। दुर्ग, रायपुर एवं बिलासपुर की एसीसीयू टीम तथा सायबर टीम की सहायता से आरोपियों के संबंध में जानकारी एकत्रित की गई। इसी आधार पर अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझा लिया गया और आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा जा गया है।
नक्सली के नाम पर धमकी भी
पूछताछ के दौरान जिले में पत्रकारों को धमकी देने के मामले का भी खुलासा हुआ है। जिसमें मनीष राठौर द्वारा धमकी भरे पत्र लिखने और विश्वजीत नाग द्वारा उसे पोस्ट किए जाने की बात सामने आई है। जिले में परिवहन संघ अध्यक्ष किशोर आर्या को धमकी भरा पत्र व नक्सलियों के नाम पर धमकी भरे बैनर व पत्र भेजकर लोगों को आतंकित करने का काम भी इसी गैंग द्वारा किया जा रहा था। इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में प्रमुख रूप से दुर्ग, रायपुर एवं बिलासपुर एसीसीयू टीम तथा नारायणपुर के निरीक्षक एवं थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा, उप निरीक्षक धीरेंद्र तिवारी, सहायक उप निरीक्षक रूमंत देवांगन, प्रभारी सायबर सेल एवं साइबर सेल नारायणपुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा