भाजपा किसान मोर्चा ने पूछा : कृषि मंत्री बताएं गत वर्ष किन 9 लाख हेक्टेयर धान रकबा का पंजीयन नहीं किया गया और क्यों?

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जिला अध्य्क्ष किसान मोर्चा ने चौबे के बयान को भ्रामक बताया, यह भी पूछा- प्रदेश सरकार ने गत वर्ष पंजीकृत 27 लाख हेक्टेयर पंजीयन के विरुद्ध केवल 24.5 लाख हेक्टेयर भूमि का ही धान क्यों खरीदा?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे बताएं वे अपने कितने एकड़ धनहा में वृक्ष लगाने वाले हैं

बालोद

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष तोमन साहू ने कहा है कि चालू खरीफ़ सीज़न में धान, मक्का, दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों की बोआई को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे द्वारा जारी आँकड़े न केवल भ्रामक हैं वरन् राज्य के किसानों को गुमराह करने वाले हैं। साहू ने कहा कि सरकार की इस कागजी योजना से धान की खेती करने वाले किसानों में एकबार फिर ऊहापोह की स्थिति बन गई है।

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भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने कहा कि कृषि मंत्री के बयान के अनुसार गत वर्ष राज्य में 36.95 लाख हेक्टेयर भूमि में धान बोया गया था। उन्हीं के पूर्व बयान के अनुसार 27.5 लाख हे. भूमि का पंजीयन गत वर्ष किया गया था और 24.5 हेक्टेयर रकबा का धान खरीद गया। 03 लाख हेक्टेयर अर्थात लगभग 7. 5 लाख एकड़ पंजीकृत धनहा भूमि का धान नहीं खरीदा गया। प्रश्न यह भी उठता है कि गत वर्ष किन 9 लाख हेक्टेयर भूमि का पंजीयन नहीं किया गया? और क्यों? श्री शर्मा ने कहा कि हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि किसानों के एक बड़े धान रकबे का पंजीयन नहीं करके किसानों के साथ छल किया गया है। अब भूपेश सरकार 08 लाख एकड़ धान खेती का रकबा घटाने की योजना आगामी सत्र में बना रही है। इसमें प्रश्न यह है कि वह कौन-सी 08 लाख हेक्टेयर भूमि है? क्या वह कपटपूर्वक पंजीकृत नहीं की गई धनहा भूमि है या जिसका पंजीयन किया गया, उसमें से 08 लाख हेक्टेयर (20 लाख एकड़) की कटौती करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है?

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भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष साहू ने कृषि मंत्री चौबे के आगामी खरीफ लक्ष्य के आँकड़ों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आगामी सत्र में सरकार ने अरहर में 10,380 हे., उड़द में 30,600 हे., अन्य दलहन (संभवतः सोयाबीन) 12,340 हे., तिलहन में 61,820 हे., अन्य अनाज 71,250 हे., मक्का में 51,600 हे., कुल मिलाकर दलहन ,तिलहन अन्य अनाज के रकबा में 2,37,980 हेक्टेयर रकबा बढ़ाने का लक्ष्य रखा है और धान का 08 लाख हेक्टेयर रकबा घटाने का लक्ष्य है। ऐसी स्थिति में धान के घटाए गए गए शेष रकबा 5.62 लाख हे. ( 13,88,140 एकड़) भूमि में क्या बोया जाएगा? क्या किसानों को इसे खाली छोड़ने बाध्य तो नहीं किया जाएगा? श्री साहू ने कृषि मंत्री से यह भी जानना चाहा है कि क्या शेष 5.32 लाख हेक्टेयर धनहा कृषि भूमि में सरकार की योजना वृक्ष लगवाने की तो नहीं? ऐसी परिस्थिति में स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और वृक्ष बयान बहादुर मंत्री मोहम्मद अक़बर को बताना चाहिए कि वे स्वयं अपनी कितनी धनहा भूमि पर वृक्ष लगाने वाले हैं, जिनमें उन्होंने गत वर्ष धान बोया था?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे बताएं की वह अपने कितने एकड़ धनहा में बबूल बोने वाले हैं¶

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