अंततः आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि सज्जन को कलेक्टर विजय दयाराम के. ने दिया न्याय

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  •  बर्खास्तगी का आदेश रद्द, सेवा की गई बहाल

जगदलपुर बस्तर जिले में ऐसे अधिकारियों की कमी नहीं है, जो अपनी नाजायज मर्जी से सहमत न होकर ईमानदारी से काम करने वाले मातहत छोटे कर्मचारियों की नौकरी खा जाने पर आमादा रहते हैं। नाजायज हठकंडे अपनाकर कर्मचारियों को परेशान करते हैं। अधिकारियों की ऎसी ही दुर्भावना की शिकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि सज्जन को बस्तर कलेक्टर ने इंसाफ दिलाया है। कलेक्टर ने रुक्मणि सज्जन की बर्खास्तगी के आदेश को गलत ठहराते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने का आदेश दिया है।

बस्तर जिले के विकासखंड बास्तनार की ग्राम पंचायत बिरगली के आश्रित गांव पुसेम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि सज्जन को परियोजना अधिकारी की झूठी रिपोर्ट और जनपद पंचायत बास्तनार के सीईओ की अनुशंसा के बाद तोकापाल के एसडीएम ने 3 अक्टूबर 2023 को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। उनकी बर्खास्तगी का आधार ग्रामीणों की शिकायत को बनाया गया था। शिकायत पत्र में जिन ग्रामीणों के नामों का उल्लेख था, उन ग्रामीणों ने शिकायत और अपने हस्ताक्षर को पूरी तरह फर्जी ठहरा दिया था। इसके बावजूद जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के हक की लड़ाई लड़ती आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की बस्तर जिला अध्यक्ष रुक्मणि सज्जन को खुद के लिए इंसाफ के वास्ते लंबी जंग लड़नी पड़ी। पुसेम के ग्रामीण बार बार कहते रहे कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि सज्जन के काम से हम पूरी तरह संतुष्ट हैं, हम लोगों ने कभी किसी अधिकारी के पास रुक्मणि सज्जन के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है। फिर भी रुक्मणि को इंसाफ नहीं मिला। थक हार कर रुक्मणि सज्जन ने कलेक्टर विजय दयाराम के. के पास याचिका दायर की। सहृदय और सोच समझकर फैसले लेने वाले कलेक्टर विजय दयाराम के. ने संपूर्ण मामले का विस्तृत अध्ययन करने के बाद आदेश पारित किया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि सज्जन की बर्खास्तगी पूरी तरह गैर वाजिब है। इसलिए उन्हें फिर से सेवा में बहाल किया जाता है।