- बच्चों का अपार आईडी बनाने के काम को लेकर नाराज हैं सीएसी
- जिले के 266 संकुल समन्वयकों का रोक दिया गया था वेतन
- डीईओ ने जारी किया भुगतान का आदेश
अर्जुन झा–
जगदलपुर केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना अपार आईडी ने शिक्षकों और संकुल समन्वयकों के सामने अपार मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यार्थी का एक यूनिक अपार आईडी बनाया जाना और उनका डिजिटल लॉकर तैयार किया जाना है। इसके लिए शिक्षक शिक्षिकाओं को किसी तरह का प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया है।
अपार आईडी के तहत बनने वाले डिजिटल लॉकर में संबंधित छात्र के सभी तरह के शैक्षणिक दस्तावेज और उसकी व्यक्तिगत जानकारियां संग्रहित किए जाने की योजना केंद्र सरकार द्वारा सुनिश्चित की गई है।बिना प्रशिक्षण के शिक्षक शिक्षिकाओं को यह महत्वपूर्ण कार्य संपन्न कराने की जिम्मेदारी दे दी गई है। अब भला बेचारे शिक्षक शिक्षिकाएं बिना सीखे पढ़े यह कार्य कैसे निपटाएं? लिहाजा काम पूरा नहीं हुआ तो गाज संकुल समन्वयकों पर गिर गई। उनका वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया गया। विभागीय अधिकारियों के इस फरमान से संकुल समन्वयकों और शिक्षक शिक्षिकाओं में नाराजगी फैल गई। इस कार्य के लिए आज तक प्राथमिक शालाओं व माध्यमिक शालाओं के शिक्षक शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित ही नहीं किया गया है और न ही इस संबंध में ब्लॉक व जिला स्तर पर किसी प्रकार की कार्य योजना तैयार की गई न प्रशिक्षण दिया गया। इस लापरवाही की सीधी जिम्मेदारी जिला परियोजना अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी की बनती है। अपार आईडी बनाने हेतु कई प्रक्रियाओं में दिक्कतें आ रही हैं, जिनका निराकरण जिला स्तर पर कभी नहीं किया गया। अपार आईडी बनाने में सबसे जटिल समस्या आधार कार्ड अपग्रेडेशन है। बस्तर जिले की 60 प्रतिशत छात्र छात्राओं के आधार कार्ड अपग्रेड नहीं हो पाए हैं। यह उनके पालकों और शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए बड़ी चुनौती भरा काम है। इसका समाधान जिला स्तर के आधिकारियों द्वारा किया जाना था, जो कि नहीं किया गया। अपार आईडी के कार्य में प्रगति न होने पर संकुल समन्वयकों बलि का बकरा बनाते हुए वेतन भुगतान के चार दिवस पहले उनका वेतन रोकने का निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर अपार आईडी के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के राष्ट्रीय सर्वेक्षण कार्यक्रम परख एनएएस 2024 में सहयोग नहीं देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ आज तक जिले के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उधर वेतन रोकने के आदेश से नाराज बस्तर जिले के समस्त संकुल समन्वकों ने आपात बैठक कर निर्णय लिया कि जब बिना उचित कारण के बेवजह वेतन रोका जा रहा है तो संकुल समन्वयक क्यों उक्त कार्य को करेंगे? इसके बाद बस्तर जिले के संकुल समन्वयकों ने आज 28 नवंबर से कलम बंद हड़ताल शुरू कर दी थी।
जारी हुआ भुगतान का आदेश
हड़ताल करने जिलेभर के संकुल समन्वयक आज हड़ताल करने जिला मुख्यालय जगदलपुर में जमा हो गए थे। इसकी भनक लगते ही जिला शिक्षा अधिकारी बलीराम बघेल ने संकुल समन्वयक संघ के पदाधिकारियों को चर्चा के लिए बुलाया। उन्होंने सभी बातों पर विचार करने के बाद संघ के जिला अध्यक्ष और प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि वेतन का भुगतान किया जाएगा आप लोग हड़ताल वापस लेकर ड्यूटी पर लग जाएं। इस
आश्वासन के बाद संकुल समन्वयकों ने हड़ताल वापस ले ली और कुछ ही देर में जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और परियोजना अधिकारियों को संकुल समन्वयकों के वेतन भुगतान के संबंध में आदेश जारी कर दिया।