- किसान, गरीब, युवाओं और महिलाओं की उम्मीदों पर फिर गया पानी
जगदलपुर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश आम बजट से जनता को यह तो महसूस हो गया कि अब देश के प्रधानमंत्री हम दो हमारे दो से आगे बढ़कर हम दो हमारे चार वाले मोदी बन गए हैं। छत्तीसगढ़ की जनता ने आज देखा कि किस तरह से बैसाखियों के सहारे सत्ता चलाने वाले मोदी जी ने अपनी बैसाखियों का ख्याल रखते हुए बजट पेश किया है। बजट में केवल अपनी सरकार को बचाने जिन चेहरों के द्वारा समर्थन से वह सत्ता सुख भोग रहे हैं उन्हें खुश रखने एवं अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ दिलाने निर्मला सीतारमण से बजट पेश करवा रहे हैं। मोदी जी के इस बजट में 140 करोड़ जनता के हाथ खाली के खाली रह गए। वर्तमान में देश में महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता चरम पर है। बजट आम जनता की उम्मीद और अपेक्षाओं के पूरी तरह विपरीत निकला।बजट का पिटारा पूरी तरह खाली है। बजट से देश की आम जनता और हर वर्ग पूरी तरह निराश और हताश है। जावेद खान ने कहा कि देश का बजट सिर्फ आय और व्यय का ब्यौरा नहीं होता, बल्कि यह वर्तमान सरकार का पॉलिसी डॉक्यूमेंट होता है, जो यह बताता है कि आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकार आम जनता के हितों के लिए किस प्रकार से काम करेगी, क्या ब्लूप्रिंट और क्या कार्य योजना होगी, परंतु यह बजट पूरी तरह से बिना रोडमैप का दिशाहीन और उद्देश्य विहीन बजट है। एक सर्वे के अनुसार देश की 86 प्रतिशत जनसंख्या चाहती थी कि आयकर छूट बेसिक लिमिट को 2.50 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाए, पिछले 10 सालों में इन्फ्लेशन दुगने से भी ज्यादा हो चुका है, परंतु केंद्र की मोदी सरकार 10 सालों में लिमिट 1 रूपए भी बढ़ाने के लिए तैयार नहीं।
आयकर में सेक्शन 80-सी के अंतर्गत निवेश पर मिलने वाली छूट को भी 1.5 लाख रुपए से 1 रूपए भी नहीं बढ़ाया गया, जबकि देश के वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक और सीए एसोसिएशन इसे बढ़ाकर 3 लाख करने की अनुशंसा कर रहे थे। देश के हर आम आदमी का एक सपना होता है कि उसका स्वयं का घर हो, घर बनाना दिन प्रतिदिन महंगा होता जा रहा है। आम आदमी के हित के लिए होम लोन पर ब्याज की छूट को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए करने की आवश्यकता थी, परन्तु उस लिमिट में भी कोई वृद्धि नहीं की गई।इंश्योरेंस कंपनियां मेडिकल इंश्योरेंस के प्रिमियम में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि कर चुकी हैं परन्तु केंद्र सरकार सेक्शन 80-डी के अंतर्गत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की मिलने वाली छूट की लिमिट को भी 25000 रू. से बढ़ाने के लिए तैयार नहीं। जावेद खान ने कहा कि इस बजट में छत्तीसगढ़ की जनता को फिर एक बार निराश किया है। न छत्तीसगढ़ के लिए कोई नई योजना, न कोई विशेष पैकेज, न कोई फायदे की बात। छत्तीसगढ़ की जनता को फिर से एकबार इस बार के बजट में छला गया है। बजट में केंद्र सरकार द्वारा अपनी सत्ता बचाने के लिए बिहार और आंध्रप्रदेश को विशेष पैकेज दिया गया है। परंतु छत्तीसगढ़ की अनदेखी की गई है।