आदिवासी युवती के साथ हुई रेप की घटना को लेकर महिला कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च

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  •  साय सरकार में महिलाएं हैं असुरक्षित : लता निषाद

जगदलपुर रायगढ़ जिले में आदिवासी युवती से सामूहिक दुराचार के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के आदेश पर राज्यसभा सांसद फुलोदेवी नेताम के निर्देशन में शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य की उपस्थिति में बस्तर जिला महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष लता निषाद व ग्रामीण अध्यक्ष चंपा ठाकुर के नेतृत्व में महिला कांग्रेस की पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया।

महिला कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकालकर प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कैंडल मार्च के दौरान दुराचारियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई। महिला सुरक्षा के मामले में नाकाम साय सरकार के खिलाफ कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए गए। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं पूरी तरह से असुरक्षित हैं। महिलाओं की अस्मिता तार तार हो रही है। डबल इंजन की सरकार में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा पूरी तरह से फेल हो गया है। रायगढ़ में आदिवासी युवती के साथ घटित रेप की घटना अति निंदनीय है। आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी महिलाएं बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश में गुंडागर्दी, चोरी, लूटमार सहित आपराधिक गतिविधियों पर कोई लगाम सरकार नही लगा पा रही है। हमारी मांग है महिलाओं बेटियों के साथ ऐसी दुष्कर्म व हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। अगर प्रदेश की स्थिति नही संभल रही है तो मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। महिला कांग्रेस शहर लता निषाद अध्यक्ष ने कहा प्रदेश में साय सरकार के सुशासन में महिलाएं बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। 7- 8 महीने की सरकार में बस्तर सहित पूरे प्रदेश में गुंडागर्दी, लूटमार व रेप जैसी जघन्य जैसी अपराधों का बोलबाला चरम पर है। रक्षाबंधन के दिन हमारी एक आदिवासी बहन के साथ रायगढ़ में सामूहिक बलात्कार जैसा जघन्य अपराध हुआ। 3 दिन से ज्यादा बीत जाने के बाद भी पुलिस सभी बलात्कारियों को पकड़ने में नाकाम रही है।आज देश के हर राज्य में महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं महिलाएं डरी और सहमी हुई हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री महिला सुरक्षा के नाम पर नाकाम साबित हो चुके हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी के महिला नेतृत्व ने भी मौन धारण कर लिया है। विडंबना यह है कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री होते हुए भी हमारी आदिवासी बहनेंं सुरक्षित नहीं है। डबल इंजन की सरकार महिला सुरक्षा के मामले में पूरी तरह विफल है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। आज कैंडल मार्च के माध्यम से प्रदेश की महिलाएं प्रदेश की बहरी सरकार को यह बताना चाहती हैंं कि वह डरने वाली नहीं है। साथ ही प्रदेश सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में समस्त रेप की घटनाओं को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।इस दौरान निगम अध्यक्ष कविता साहू, वरिष्ठ कांग्रेसी हनुमान दिवेदी, नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स, रामाशंकर राव, गौरनाथ नाग, पार्षद सूर्यपानी, बी ललिता राव, सुनीता सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष सहदेव, अमरनाथ सिंह, महामंत्री महेश द्विवेदी, अल्ताफ उल्ला खान, निकेत राज झा, सुषमा सुता, सायमा अशरफ, एस नीला, पापिया गाईंन, रामेश्वरी, जोगेश्वरी राव, जाहिदा बेगम, उमा शाह, सलीम अली, नीलम कश्यप, उस्मान रज़ा, पंकज केवट, शेख अयाज खान, अंफाज खान, कर्त्तव्य आचार्य, खिरेंद्र यादव,मनीषा राउत, सावित्री बतक, संगीता महावीर, तीजा, रौशनी, चंदासूर्या, लिटा नाग, रौशनी चालकी, रेशमा चालकी, सविता सावंत, सुरजोबती कश्यप, मयूरी बतक, संगीता, कंचन नाथ, सनजक्ता परिहार, रेमती आदि कार्यकर्ता मौजूद रहीं।*