- जय झाड़ेश्वर समिति और परिवहन संघ ने प्लांट का गेट किया जाम
- प्रबंधन ने कहा घातक हो सकता है गेट ब्लॉक करना
–अर्जुन झा–
नगरनार नगरनात स्टील प्लांट के गेट नंबर- 2 का शुक्रवार को सुबह 10 बजे से झाडेश्वर समिति और बस्तर परिवहन संघ के सदस्यों ने घेराव कर रखा है। इसके कारण कोई भी वाहन माल लेकर स्टील प्लांट में प्रवेश नहीं कर पा रहा और न ही बाहर जा पा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिस प्रबंधन ने समिति और परिवहन संघ की कभी एक नहीं सुनी, वह प्रदर्शन कर रहे लोगों को डराने धमकाने पर उतर आया है। दरअसल प्रदर्शनकारियों ने प्रबंधन की दुखती रग पर हाथ रख दिया है।
20 सितंबर को सुबह से बस्तर परिवहन संघ और जय झाडेश्वर समिति के सदस्य संयंत्र में माल परिवहन का काम बस्तर के ही परिवहन व्यवसायियों को देने और प्लांट में स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी देने की मांग को लेकर डटे हुए हैं। ये लोग प्लांट के गेट नंबर 2- को जाम किए बैठे हैं। इससे पहले भी जय झाड़ेश्वर समिति और परिवहन संघ के पदाधिकारी सदस्य दसियों बार प्लांट से कुछ दूर पंडाल लगाकर कई कई दिनों तक प्रदर्शन कर चुके हैं। तब एक भी बार प्रबंधन की ओर से कोई पूछने तक नहीं पहुंचा। वहीं आज जब इन लोगों ने कड़े तेवर दिखाते हुए प्लांट का माल परिवहन ठप कर दिया, तो प्रबंधन कांप उठा है।
ये कहा है प्रबंधन ने
प्लांट के संचार विभाग ने बयान जारी कर कहा है कि
वाहनों पर लगाया गया यह प्रतिबंध न केवल गलत है, बल्कि अवैध भी है। इससे सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि एकीकृत स्टील प्लांट एक अत्यधिक खतरनाक कारखाना होता है।गेट नंबर 2 यानि मटेरियल गेट वह गेट है, जिसके माध्यम से आवश्यक कच्चा माल स्टील प्लांट में आता है और तैयार माल बाहर भेजा जाता है। इस गेट को बंद करने से कई नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। एकीकृत स्टील प्लांट में महत्वपूर्ण कच्चे माल की समय पर डिलीवरी न होना भी सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक हो सकता है। आज रात या उसके बाद कोई अप्रिय घटना होने पर इसका दोष सीधे जय झाड़ेश्वर समिति और बस्तर परिवहन संघ पर आएगा। उनकी मांगे एनएसएल के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं और इसलिए एनएसएल उन मांगों को पूरा करने की स्थिति में नहीं है। यह बात आंदोलनकारियों को बता दी गई है। यही बात जिला प्रशासन और उनके नेताओं के माध्यम से भी उन्हें बताई गई है। इसके बावजूद ये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।काम बंद होने से स्टील प्लांट को भारी नुकसान होता है और समर्पित श्रमिकों का मनोबल भी गिरता है। स्टील प्लांट में नियमित विरोध प्रदर्शन और काम बंद होना एनएसएल के कामकाज और बस्तर की छवि के लिए बेहद हानिकारक है, क्योंकि यह स्टील प्लांट बस्तर की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और बस्तर के औद्योगीकरण और प्रगति का प्रतीक है। स्थानीय नगरनार पुलिस स्टेशन और जिला प्रशासन को स्थिति से अवगत करा दिया गया है और हमने इस नाकेबंदी को हटाने में उनकी सहायता का अनुरोध किया है।