बस्तर जिले के संग्रहण केंद्र बिरिंगपाल और नियानार में सड़ते पड़ा है अरबों रूपयों का धान

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  • जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने लगाया बड़े घोटाले का आरोप

जगदलपुर बस्तर जिले के कई संग्रहण केंद्रों में पिछले खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया अरबों रुपयों का हजारों क्विंटल धान सड़ता पड़ा है। संबंधित विभाग और अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसे लेकर बस्तर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने अब मोर्चा खोल दिया है।

पहले धान संग्रहण केंद्रों से मिलर्स तक पहुंचाने में अधिकतम समय फरवरी तक का लिया जाता था। कांग्रेस नेता सुशील मौर्य ने सवाल किया है कि आखिर सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी वर्षा ऋतु से पूर्व धान का उठाव क्यों नहीं करवा पाए? बाद में भी उठाव के प्रति सरकार गंभीर नहीं रही। सरकार धान उठाव में नीति और स्पष्ट क्यों नहीं कर पा रही है? मुख्य्मंत्री और विभागीय मंत्री और भाजपा नेता इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे बैठे हैं? सुशील मौर्य ने कहा है कि जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी यह सरकार कर रही है। दूसरी ओर सरकार 9 महीने में 3 हजार करोड़ का कर्ज लें बैठी है और आगे और लेने की तैयारी है। बस्तर जिले लगभग 3 अरब रुपए का धान सड़ते पड़ा है।सरकार इसे बेच कर आर्थिक स्तिथि में सुधार ला सकती है। 15 नवंबर से यह सरकार फिर से धान खरीदी प्रारम्भ करने जा रही हैं और पिछले साल की खरीदे गए धान का उठाव अब तक उठाई नहीं किया गया है। सुशील मौर्य ने कहा है कि धान संग्रहण केंद्रों से अधिकारियों के निर्देश पर भारी मात्रा में धान की चोरी की जा चुकी है जिसका सत्यापन और उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।धान संग्रहण केंद्रों से मजदूरों से प्लास्टिक बोरों में भूसा भर कर धान सुरक्षित रखने हेतु स्टेग लगाने का कार्य किया जाता है। इसमें बड़े पैमाने पर फर्जी बिल एवं मस्टर रोल लगाकर शासकीय धन की बंदरबांट की गई है

मौर्य का आरोप है कि धान संग्रहण केंद्र में करोड़ों रूपये का घोटाला हुआ है। बस्तर जिले में इसकी जांच करवा कर घोटाले बाज़ों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।