ये गन्ने वाला तो गजब का है भाई

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  • मेहनत करने वाला कभी बेरोजगार नहीं रह सकता
  • ऑनलाइन पैसा लेता है गन्ने वाला राम कुमार

अर्जुन झा-

जगदलपुर इस गन्ने वाले शख्स ने गजब का दिमाग पाया है। वह बारहों माह खाली नहीं बैठता और सीजनल बिजनेस कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर लेता है। उसका कहना है कि आज के युवा बेवजह बेरोजगारी का रोना रोते हैं। लगनशील और मेहनत करने वाला व्यक्ति कभी बेरोजगार नहीं रह सकता, बल्कि सरकारी नौकरी करने वालों से भी ज्यादा कमाई कर सकता है।

सिर पर छत्तीसगढ़िया फेंटा बांधा यह युवक कोई आम शख्स नहीं है। वह तो अन्य युवाओं के लिए बड़ा प्रेरणास्त्रोत है। इस युवक का नाम है रामकुमार। रामकुमार को अपनी जाति बताने से परहेज है। वह कहता है – जाति मत पूछो भैया, आजकल जात पात का बड़ा लफड़ा चल रहा है। मैं अगर खुद को नीची जाति का बताऊंगा, तो ऊंची जाति वाले मुझसे सामान नहीं खरीदेंगे और अगर खुद की जाति ऊंची बताऊंगा तो, नीची जाति वाले मेरे पास नहीं फटकेंगे। इसीलिए मैं इस लफड़े से दूर रहता हूं, मुझे सिर्फ रामकुमार ही रहने दीजए। इसके साथ ही रामकुमार कहता है कि जो लोग बेरोजगारी का रोना रोते हैं, उनकी मानसिकता और सोच पूरी तरह गलत है। दरअसल आज के युवा सिर्फ सरकारी नौकरियों को ही असली रोजगार मान बैठे हैं। अरे भैया यहां तो कदम कदम पर रोजगारों की भरमार है, बस नज़रिया चाहिए। मुझे ही देख लीजए मैं बारहों माह खाली नहीं रहता। रक्षा बंधन पर्व नजदीक आने पर राखी का, होली के दौरान रंग, ग़ुलाल और पिचकारी का, तीज त्यौहारों ने टिकली फुंदरी का और सामान्य दिनों में सब्जी भाजी का व्यापार कर अच्छी खासी आमदनी कमा लेता हूं। सामने देव उठनी एकादशी है इसलिए यहां गन्ना बेच रहा हूं। परिवार सुखी है, मैं संतुष्ट हूं और माता पिता को भी तसल्ली है कि बेटा ठेलहा नहीं बैठा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित रामकुमार कहता है कि हमारे युवा साथियों को शर्म लज्जा छोड़कर स्वरोजगार अपनाना चाहिए। खुद का रोजगार करने वाले अपने मर्जी मुताबिक काम करते हैं, उन्हें किसी के बंधन में नहीं रहना पड़ता। और फिर सरकार तो स्वरोजगार को बढ़ावा दे ही रही है इसके लिए सरकार ने प्रशिक्षण और लोन अनुदान की भी व्यवस्था कर रखी है।

लेता हैऑनलाइन पेमेंट

स्वरोजगार के माध्यम से स्वयं को स्थापित कर चुका कुंडा कोर्ट निवासी रामकुमार ने गन्ना धनियालूर गांव से खरीद कर लाया है। उसने दोन गन्नों को खड़ा कर उनके जरिए अपने बैंक अकाउंट का बार कोड भी टांग रखा है। इसके जरिए रामकुमार ग्राहकों से ऑनलाइन पेमेंट लेता है। नगद रकम अदा करने वाले नगद भी दे देते हैं।रामकुमार बताता है कि वह जगदलपुर शहर में सब्जी भी बेचता है, जहां भी वह ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था रखता है। रामकुमार की जीवटता, उत्कृष्ट सोच और लगनशीलता को देख सुखद अनुभव लोगों को हो रहा है। लोगों का कहना है कि युवाओं रामकुमार से प्रेरणा लेनी चाहिए।