बीजापुर की रेत के रार में सुकमा जैसे तकरार के बन रहे आसार

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  • मामला तारलागुडा़ क्षेत्र में जप्त की गई 72 टिप्पर रेत का 
  • कांग्रेस और भाजपा के आरोप प्रत्यारोप के बीच चंद पत्रकारों की एंट्री 
  • सेंकने के चक्कर में कहीं झुलस न जाएं हाथ 

अर्जुन झा-

जगदलपुर बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में भी सुकमा जैसे हालात बनते दिख रहे हैं। बीजापुर में जारी रेत के रार में कुछ पत्रकारों की एंट्री से मामला और भी विवादस्पद होता जा रहा है। यहां भी होम करते या कहें हाथ सेंकने के फेर में हाथ जल सकते हैं।

रेत का गोरखधंधा पूरे बस्तर संभाग में चल रहा है। कहीं शबरी नदी का सीना छलनी किया जा रहा है, तो कही इंद्रावती नदी का। राजनैतिक संरक्षण में रेत माफिया अब नालों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। संभाग के सुकमा जिले में रेत के अवैध भंडारण और कवरेज करने गए पत्रकारों की आंध्रप्रदेश में रहस्यमय ढंग से हुई गिरफ्तारी का मामला पूरे छत्तीसगढ़ में सुर्खियों में रहा हैं। कुछ इसी तरह के हालात अब बीजापुर जिले में भी बनते नजर आ रहे हैं। अक्सर होता है कि शिकार पर हक के लिए जब दो शेर आपस में लड़ते हैं, तब चालाक सियार शिकार की एक बोटी के लिए बीच में पहुंच जाता है। तब उसे इस बात का भान नहीं रहता कि न जाने कौन सा शेर पंजा मार दे और उसका काम तमाम हो जाए। हमारे कुछ मीडिया कर्मी साथी भी कभी कभी सियार की भूमिका में नजर आने लगते हैं। बीजापुर में पकड़ी गई रेत के मामले में भी ऐसा ही होता दिख रहा है। रेत को लेकर सुकमा जिले के कोंटा में विवाद हुआ था। तब 4 पत्रकारों पर गांजा का मामला दर्ज हो गया था। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। सियासी घमासा न के बीच मामला अभी ठंडा है।अब बीजापुर जिले के पत्रकार भी राजनीतिक ताने बाने के बीच रेत प्रकरण में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते दिख रहे हैं। बीते कुछ दिनों से बीजापुर जिले में रेत पर जमकर रार मचा हुआ है। भाजपा और कांग्रेस के नेता एक दूसरे को रेत माफिया करार दे रहे हैं। बीजापुर जिला प्रशासन ने एक बड़े अवैध रेत भंडार का भंडाफोड़ किया है। अवैध रेत भंडार पर एसडीएम यशवंत नाग, तहसीलदार लक्ष्मण राठिया ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले की तारलागुड़ा नदी किनारे अवैध रेत भंडार से 72 टिप्पर रेत जप्त की थी। इसके साथ ही निजी जमीन पर लगे साजा, तेंदू, मोयन, सागौन के करीब तीस बड़े पेड़ों को काटकर रेत भंडारण के लिए समतल करने के मामले में भी कार्रवाई की जा रही है। भाजपा के पूर्व सांसद प्रतिनिधि श्रीनिवास रेड्डी, सुरेश मालूम, बिच्मैया कोरम व अन्य भाजपा नेताओं ने बताया कि रेत के अवैध परिवहन व भंडारण पर लगाम लगाने के लिए वन मंत्री केदार कश्यप व बस्तर सांसद महेश कश्यप से मिलकर शिकायत कर मांग की जाएगी। रेड्डी ने बताया कि लगातार अवैध रेत खनन की शिकायत मिलने पर तारलागुडा क्षेत्र में भाजपा का दल गया था। वहीं कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि इस अवैध रेत खनन माफियाओं से भाजपा नेताओं की मिलीभगत है। विधायक विक्रम मंडावी ने बीजापुर जिले के कुछ भाजपा नेताओं पर सरपंच पर दबाव डालने और माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। पकड़े गए रेत भंडार को लेकर बीजापुर जिले में सियासी घमासान थम नहीं रहा है। इस बीच मामले में चंद पत्रकार भी कूद गए हैं। ये पत्रकार दोनों दलों के झंडाबरदार की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं। पॉलिटिशियन और पुलिस वाले सगे बाप के भी नहीं होते। ये न जाने कब किसे दुत्कार कर भगा दें। मगर यहां तो बोटी का एक टुकड़ा हथियाना है सो लाज शरम बेचकर भाई लोग उछल कूद मचा रहे हैं। कहीं ऐसा न हो कि सेंकते सेंकते हाथ जल जाएं।