छत्तीसगढ़ का सरेंडर पॉलिसी मॉडल पूरे देश में किया जाएगा लागू: गृहमंत्री अमित शाह

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  • आत्मसमर्पित नक्सलियों से अमित शाह ने की जगदलपुर में मुलाकात 
  • डेयरी व्यवसाय से जुड़ेंगे नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीण
  •  मुख्यधारा में शामिल हुए छग, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र, तेलंगाना और असम के लोगों से की भेंट

जगदलपुर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार की शाम सर्किट हाऊस परिसर में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और असम के उन लोगों से मुलाकात की जो हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

मुलाकात के बाद अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि 2019 में कश्मीर, उत्तर-पूर्व और नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में देश के युवा हथियार लेकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे थे, हिंसा कर रहे थे और पूरे क्षेत्र को विकास से दूर रखते थे। उन्होंने कहा कि उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये तय किया गया था कि जो लोग हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें ये मौका दिया जाए।  शाह ने कहा कि 2019 से 2024 तक सिर्फ नॉर्थ ईस्ट में ही 9000 से अधिक लोगों ने हथियार छोड़कर सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में भी कई युवाओं ने सरेंडर किया है और अब भारत सरकार ऐसे लोगों और नक्सलवाद से पीड़ित लोगों के कल्याण के लिए समग्र योजना बना रही है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 15 हज़ार मकान बनाने को मंज़ूरी दी है। इसके साथ ही नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में हर परिवार को एक गाय या भैंस देकर डेयरी कोऑपरेटिव बनाने की शुरूआत भी की जा रही है।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया गया था। उन्होंने कहा कि हिंसा रास्ता नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने हथियार उठा रखे हैं, उन्हें मेन स्ट्रीम में वापिस लाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सबसे अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है और इसे पूरे देश में रेप्लिकेट करके हथियार छोड़ने वाले युवाओं को समाज में पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा।

लौट आएं अपनों के बीच

अमित शाह ने हिंसा में लिप्त युवाओं से अपील की कि वे हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में आ जाएं। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के बारे में बात करते हुए कहा कि बस्तर के होनहार बच्चे भारत का भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि 2025 से 2036 के ओलंपिक तक बस्तर के बच्चों को पदक जीतने के योग्य बनाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि जब बस्तर की एक बच्ची 2036 के ओलंपिक में पदक जीतेगी, वो नक्सलवाद को एक मज़बूत जवाब और पूरी दुनिया को संदेश होगा कि हिंसा रास्ता नहीं है, बल्कि विकास रास्ता है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अब बहुत कम क्षेत्र नक्सलवाद से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि जो हिंसा में लिप्त हैं, वे भी हमारे अपने ही लोग हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों को स्कूल, दवाखाने, अस्पताल, मुफ्त अनाज, बिजली, शौचालय, पानी चाहिए और इन सभी सुविधाओं को आपके गांवों तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी छत्तीसगढ़ सरकार की है।

योजनाओं में बस्तर को महत्व

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं की सबसे पहली प्राथमिकता बस्तर है। उन्होंने कहा कि हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में आने वाले लोगों ने प्रधानमंत्री मोदीजी पर भरोसा किया है, उनका ये भरोसा टूटेगा नहीं और ऐसे लोगों को देखकर कई युवा हथियार छोड़कर विकास की यात्रा में शामिल होंगे।