उधेड़ बुन में सत्ता व संगठन किसे करें खारिज, बस्तर में आ सकते हैं चौंकाने वाले नाम, मुख्यमंत्री कर सकते हैं वीटों पावर का इस्तेमाल

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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद मलाईदार पदों में काबिज होने के लिए कांग्रेसियों में जबरदस्त होड़ मची हुई है। बड़े नेताओं के समक्ष नेता एक-दूसरे से ज्यादा निष्ठावान कार्यकर्ता होने का दंभ भरते हुए अपना बायोडाटा सौंप रहे हैं। इस दौरान प्र्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति भी उधेड़बुन में है कि किसे खारिज करे। दूसरी तरफ यह चर्चा जोरों पर है कि बस्तर क्षेत्र में मचे होड़ के बीच बस्तर मामले में मुख्यमंत्री अपना वीटों जारी कर सकते हैं।


छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सर्द रातों के बीच राजनीति में गर्माहट पैदा कर दी है। विगत दिनों प्र्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की बैठक बेनतीजा निकलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम तथा प्रदेश समन्वयक समीति द्वारा मैराथन बैठक लेकर सामंजस्य स्थापित किए जा रहे हैं किंतु एक-एक नेताओं के दर्जनों समर्थकों के नाम सामने आने पर किसी एक पर मोहर लगाने में पसीने छूट रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ को छोड़ दिया जाए तो बस्तर में शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा, पूर्व प्रदेश महामंत्री मलकीत सिंह गैदु, पूर्व महापौर जतीन जयसवाल मजबूत दावेदार हैं और इनके लिए तगड़ी लामबंदी तेज है किंतु बस्तर जिले से तीन लोगों को जवाबदारी देने के बाद अब बस्तर में किसकी लाटरी लग रही है,वह तो भविष्य के गर्भ में है। वहीं कोंडागांव जिले में भी नूरा -कुश्ती चरम पर है।

पहले दो नेताओं का नाम मनीष श्रीवास्तव,अमीन मेमन के नाम की चर्चा जोरों पर थी किन्तु राजनीतिक गलियारों में प्रदेश महासचिव प्रशासनिक रवि घोष का नाम प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा बढ़ाये जाने के बाद बस्तर की राजनीति में गर्माहट पैदा हो गई है।माना जा रहा है कि सांसद दीपक बैज के चहेते मलकीत सिंह गैदु के नाम प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बढ़ाया है और अंतिम समय में रवि घोष के नाम सामने आने से परिणाम किस करवट बैठेगा उसको लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है।शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा व पूर्व महापौर जतीन जयसवाल के नामों को लेकर भी उनके समर्थक टिकटिकी लगाते बैठे हैं।