अपनी गलत बयानी के लिए अरविन्द नेताम दीपक बैज और आदिवासी समाज से माफ़ी मांगे–सुरज कश्यप

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  • नेताम माफ़ी नहीं मांगेगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी
  • बस्तर की संपदा के लूट के खिलाफ बैज के विरोध से डरे भाजपाई नेताम को मोहरा बना रहे
  • पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज प्रकृति पूजक आदिवासी बूढ़ादेव महादेव भक्त है भाजपा के सार्टिफिकेट की जरूरत नहीं

जगदलपुर आज संभाग मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसे आदिवासी नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरज कश्यप के द्वारा संबोधित किया गया…सुरज कश्यप ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम और मंत्री केदार कश्यप के द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के संदर्भ में दिये गये बयान आदिवासी समाज को अपमानित करने वाला बयान है,अरविन्द नेताम अपनी गलत बयानी के लिए सार्वजनिक माफ़ी नहीं मांगते है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी उनके विरुद्ध सार्वजनिक रूप सामाजिक मंचो पर आवाज उठाई जाएगी

अपने राजनैतिक हित के लिए अरविन्द नेताम ने स्तर हीन आरोप लगा कर एक सच्चे आदिवासी नेता की छवि धूमिल करने का काम किया है।पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को अपनी धार्मिक आस्था के लिये अरविंद नेताम, केदार कश्यप या आरएसएस से सार्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है।

सूरज कश्यप ने कहा दीपक बैज प्रकृति पूजक आदिवासी है, बूढ़ादेव, महादेव के उपासक है, जीवन के चौथे पहर वान प्रस्थ की अवस्था में अरविंद नेताम आरएसएस की पाठशाला से झूठ बोलने की जो शिक्षा नागपुर से लेकर आये है उसका बस्तर के ही आदिवासी नेता पर प्रयोग कर रहे है।पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज जो दंतेश्वरी माई के अनन्य भक्त है तथा बस्तर दशहरा कमेटी के रूप से 5 सालो तक प्रतिवर्ष 75 दिनों माई की सेवा करते रह है। कांग्रेस सरकार के समय सांसद के रूप में उन्होंने आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा दिया, देवगुड़ी, घोटुल के संरक्षण एवं संवर्धन का काम किया हैl

अरविंद नेताम के उद्गार आरएसएस की पाठशाला से भले आये है उसके पीछे अडानी और उद्योगपतियो की वह खीझ है, जो दीपक बैज के नेतृत्व में बस्तर से खनिज संपदा के लूट के खिलाफ चलाये जा रहे आंदोलनो को बर्दास्त नहीं कर पा रहे है। एनएमडीसी नगरनार संयंत्र के बेचे जाने के खिलाफ की जाने वाली पदयात्रा हो या बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती को बचाने की जाने वाली पदयात्रा है। हाल ही में बस्तर की खनिज संपदा के बंदरबांट के खिलाफ किरंदूल से दंतेवाड़ा तक की गई पदयात्रा जिसमें हजारों की संख्या में बस्तरवासी इक्ट्ठा होकर बस्तर के हक की लड़ाई में अपनी एकजुटता प्रदर्शित किये उसके बाद से ही बस्तर को लूटने की योजना बनाने वाले लोग तिलमिला गये और बस्तर के ही वरिष्ठ आदिवासी नेता को मोहरा बनाकर पीसीसी अध्यक्ष के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करवा रहे हैं

सूरज कश्यप ने कहा राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है प्रदेश के शहरी एवं मैदानी क्षेत्रों में भी धर्मांतरण की घटनायें बढ़ गयी है। भाजपा खुद धर्मांतरण को बढ़ावा देती है फिर वर्ग संघर्ष करवाती है। विपक्ष में रहते हुये धर्मांतरण के नाम पर फसाद करने वाले भाजपाई पिछले सवा साल से प्रदेश में होने वाली धर्मांतरण की घटनाओं पर चुप्पी साध लिये है। यही नहीं खबरें तो यह भी आ रही है कि धर्मांतरण कराने वालों को सत्तारूढ़ दल का संरक्षण मिला हुआ है।जशपुर, बस्तर में धर्मांतरण की घटनाओं के बाद भाजपा की खामोशी इस बात का प्रमाण है कि इन घटनाओं को उसका समर्थन है।छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने अपनी पहली बैठक में ही वह दावा किया था कि नया “धर्म स्वातंत्र विधेयक” का ड्राफ्ट तैयार है, 60 दिन के भीतर लागू हो जायेगा, लेकिन सवा साल बीतने के बाद आज तक मौन है।कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को चुनौती देती है वह धर्मातरण को लेकर विशेष तौर पर छत्तीसगढ़ में धर्मातरण को लेकर श्वेत पत्र जारी करें। भारतीय जनता पार्टी की रमन सरकार में कितने चर्च बने थे और कांग्रेस के भूपेश बघेल सरकार के दौरान कितने चर्च बने थे, स्थितियों स्पष्ट हो जायेंगी। भाजपा जनता पार्टी की जब-जब प्रदेश में सरकार रहती है वे स्वयं धर्मातरण को बढ़ावा देती है ताकि इस मुद्दे पर बयानबाजी करके मतों का ध्रुवीकरण कर सके। भारतीय जनता पार्टी को हिन्दुत्व से, सनातन से कोई मतलब नहीं है। वो अपनी राजनीति करने के उद्देश्य से इस प्रकार की चीजों को प्रचारित प्रसारित करती है।

इस प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से रविशंकर तिवारी, राजेश राय,पार्षद गौतम पाणिग्रही, संजय पाणिग्रही, युवा कांग्रेस प्रवक्ता जावेद खान, खीरेंद्र यादव आदि मौजूद रहे…