नगरनार स्टील प्लांट के डी मर्जर पर रोक व 2001-02 के अनुबंध की शर्तों का पालन, लोह अयस्क रॉयल्टी बढ़ोतरी, स्थानीय लोगों को नौकरी अनिवार्यता हेतु बस्तर पृथक लोकसेवा आयोग व प्रर्यावरण सरंक्षण मंडल का गठन जैसी महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्यवाही हेतु प्रधानमंत्री के नाम दिया मांग पत्र-मुक्तिमोर्चा।
केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के बस्तर प्रवास पर 8 सुत्रीय मांगों को लेकर बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के संभागीय संयोजक नवनीत चांद के नेतृत्व में राज्य मंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंप कार्यवाही की मांग की गई। मुक्ति मोर्चा के संभागीय संयोजक नवनीत चांद व जिला संयोजक भरत कश्यप,शहर संयोजक सोभा गंगोत्री ने कहा मंत्री के समक्ष बस्तर के ज्वलंत मुद्दों को रखते हुए कहा कि बस्तर अनूसूचित जनजाति क्षेत्र है जहां सन् 1965 से यहां के निवासियों के अधिकारों का हनन कर विकास व रोजगार के ख्वाब दिखाकर लौह अयस्क का उत्खनन किया जा रहा है। बहुमुस्किल बस्तर के अंदर में नगरनार स्टील प्लांट का निर्माण व संचालन सरकारी उपक्रम NMDC द्वारा किया जा रहा है।
जो आज भी निर्माणाधीन अवस्था में है, ऐसे में राज्य सरकार व NMDC के द्वारा केंद्र सरकार के अनुशंसा में 2001-02 में किए गए अनुबंध की शर्तों व बस्तर के ग्राम पंचायतों के ग्रामसभा के जमीन अधिग्रहण की शर्तों का उलंघन कर डी मर्जर की प्रक्रिया को प्रारंभ कर सरकारी उपक्रम के निजीकरण का रास्ता प्रशस्त किया जा रहा है, जो बस्तर के लोगों के विश्वास के खिलाफ उठाया गया विश्वास घाती कदम है, जिसका समस्त बस्तरवासी विरोध करता है। व आपके माध्यम से देश के प्रधानमंत्री से मांग करता की प्लांट के डी मर्जर की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए, यदि NMDC को प्लांट संचालन को तकनीकी दिक्कत हो तो सरकारी उपक्रम भिलाई स्टील प्लांट से अनुबंध किया जावे। वहीं कच्चे लोहे पर सरकारी रॉयल्टी का दर पून: निवारण किया जावे ताकि बस्तर विकास हेतु संचालित निधि DMF पर बढ़ोतरी हो सके।
वहीं बस्तर के लिए पृथक रूप से प्रर्यावरण सरंक्षण मंडल व लोकसेवा आयोग का गठन किया जावे, ताकि बस्तर के निवासियों को रोजगार व स्वरोजगार में अनिवार्यता दी जा सके, बस्तर लोहे अयस्क निर्यात पर प्रतिबंध लगाते हुए सभी खनिज कम्पनियों को उसे स्टील एवं अन्य उपयोगी प्रोडक्ट के रूप में बहार ले जाने की अनुमति हो, बस्तर में आवा गमन व व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रेलवे सुविधाओं के तहत रावघाट रेलवे परियोजना को जल्द पुण कराते हुए , कुम्हारी, कांकेर, केसकाल,कोंटा पेंसेजर रेल स्थापना हो। बस्तर विकास प्राधिकरण को राज्य,केंद्र सरकार व औद्योगिक उपक्रम की गतिविधियों पर नियंत्रण रखने का अधिकार दिया जाये।इस ज्ञापन कार्यक्रम में सुनिता दास,सी.एच.भारती, विकास मांझी, अंकिता गुरूदत्वा, शैलेन्द्र वर्मा,शनीराजपूत, मालनी पवार,बबलू सेठिया, लक्ष्मी नाग, सुरेंद्र तिवारी, तामेश्वरी साहू, निलकंट दास आदि उपस्थित थे।