विकास के साथ साथ नक्सलियों पर नकेल कसने का अभियान जारी रहेगा : एसपी

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अपराधियों को संरक्षण देने वाले थानेदार बक्शे नहीं जाएंगे

महिलाएं संबंधित अपराधों में प्राथमिकता के आधार पर चालान पेश करने के निर्देश

जगदलपुर – बस्तर पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने कहा कि बस्तर में विकास के साथ-साथ नक्सलियों के खिलाफ समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर नकेल कसने का प्रयास जारी रहेगा। जिले के कुछ नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों का काय भा कराया गया है कुछ जगह पर अन्य जिलों से जोड़ने वाले अंदरूनी क्षेत्रों में सकड निर्माण का कार्य भी जारी है। सड़क निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों में लगे ठेकेदारों का पुलिस हर संभव मदद दे रही है। . बस्तर एसपी झा ने चर्चा के दौरान बताया कि नक्सलियों के जिला बाउण्ड्रीवाल की तरह है। लगातार कार्रवाई के कारण नक्सलियों को बस्तर में पैठ जमाना अब मुश्किल हो गया है। कोलेंग, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान,झीरम, टाहकवाड़ा, से होकर क्रास किया करते थे। कई स्थानों पर कैम्प खुलने एवं लगातार इन क्षेत्रों में जवानों की सचिंग के कारण नक्सलियों को पैठ जमाना मुश्किल हो गया है। अब बैकफुट पर जा चुके है। इन इलाकों के अलावा मारडूम क्षेत्र जो बारसूर दंतेवाड़ा एवं नारायणपुर मार्ग बनने से आवागमन बहाल हुआ है। इन क्षेत्रों में भी बोदली, मालवाही में कैम्प खुलने से नक्सली बैकफुट पर चले गये है। श्री झा ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ समयसमय पर ऑपरेशन संचालित किया गया है जिमसें पुलिस जवानों को सफलता मिली है। इससे पुलिस का मनोबल बढ़ा है।

अपराधियों को संरक्षण देने वाले बक्शे नहीं जाएंगे: पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अपराधियों को संरक्षण देने वाले एवं संतोषजनक कार्य नी करने वाले थानेदारों पर कार्रवाई होगी एवं थानेदारों को लाईन अटैच किया जायेगा। बेहतर कार्य करने वाले को मौका दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि सभी थाना प्रभारियों को हिदायत दी गई है कि बड़े अपराधों की तरह छोटे अपराधों को प्राथमिकता के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। छोटे अपराधों में लापरवाही नहीं बरतने सभी थानेदारों को निर्देशित किया गया है।

उन्होंने बताया कि साईबर के माध्यम से भी चोरी एवं मोबाईल गुम होने का मामला पंजीबद्ध किया गया था जिसमें 150 से अधिक मामले का साइबर के माध्यम से ट्रेसिंग कर निराकरण किया गया है।

उन्होंने बताया कि डीजीपी से मिले आदेशानुसार महिला अपराधों के मामे में 60 दिवस के अंदर चालान पेश करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। श्री झा ने बताया कि महिलाओं से संबंधित कई मामले में विवेचना कर सप्ताह दिन में चालान पेश किया गया है। अधिकांश महिला अपराध मामले में 60 दिवस के पूर्व में चालान पेश किया गया |