जगदलपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की बस्तर पुलिस की त्रिवेणी योजना सुरक्षा, विश्वास एवं विकास के मद्देनजर ग्रामीण अंचलों तक अपनी दखल बनाने वाली योजना से माओवादी फिर एक बार बौखला गए हैं। वामपंथी हिंसा से जूझ रहे दक्षिण पश्चिम बस्तर के बीजापुर जिले में फिर एक बार माओवादियों ने विरोध के लिए ग्रामीणों को बलि का बकरा बनाया।
माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले बीजापुर के इंद्रावती नदी के उस पार के ग्रामीणों को बंदूक की नोक पर माओवादियों ने विरोध प्रदर्शन करने के लिए भैरमगढ़ भेजा। छत्तीसगढ़ सरकार बीजापुर जिले के विकास के लिए इंद्रावती नदी पर पुल का निर्माण कर रही है जिससे माओवादियों के बाद में घुसकर उन्हें चुनौती दी जा सके साथ ही साथ इस क्षेत्र का सर्वागीण विकास हो जिस को रोकने के लिए अब माओवादियों द्वारा भी एक रणनीति के तहत ग्रामीणों को बरगला कर आंदोलन करने के लिए भैरमगढ़ भेज रहे हैं। इंद्रावती नदी पर बन रहे पुलिया और सड़क निर्माण के विरोध में बच्चे ,बूढ़े , युवा यूथिया महिलाओं का फौज भैरमगढ़ आ धमका और ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे पर चक्काजाम किया है|
चक्का जाम से नेशनल हाईवे क्रमांक 63 के दोनों तरफ दर्जनों वाहनों की रेलम पेल लग गई और सैंकड़ों यात्री फंसे हुए है| इंद्रावती नदी पर बन रहे पुल और सड़क निर्माण का ग्रामीण विरोध कर रहे है| बड़ी संख्या में ग्रामीणों के पहुंचने से प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए। दूसरी तरफ बसे नदी के उस पार बसे बैल, ताकिलोड, बोड़गा, पल्ली, समेत आधा दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीण भैरमगढ़ पहुंचे| इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए नारायणपुर के भी कुछ गांवों के ग्रामीण पहुंचे है| आदिवासी पारंपरिक हथियारों से लैस है और राशन और बर्तन भी साथ रखें हुए है| इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे यही डटे रहने का सोच रहें है| सुरक्षा के मद्देनजर बडी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है ताकि किसी प्रकार की भगदड़ ना मचें| सभी को समझाने का प्रयास किया जा रहा है|अनुविभागीय अधिकारी पुलिस तहसीलदार और एसडीएम मौके पर मौजूद है|ग्रामीणों ने अपनी मांग का पुलिंदा राज्यपाल के नाम एसडीएम भैरमगढ़ को सौंपा है।