जिले के 74 हजार 996 किसानों से किया गया धान की खरीदी, किसानों ने जताया आभार, धान खरीदी हेतु 20 लाख बारदानों का किसानों ने किया सहयोग

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कांकेर – अभय शर्मा

खरीफ वर्ष 2020-21 में कांकेर जिले को 29 लाख 32 हजार क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य प्राप्त हुआ था, जिसके विरूद्ध जिले के 74 हजार 996 किसानों से 557 करोड़ 72 लाख 15 हजार 297 रूपये का 29 लाख 65 हजार क्विंटल धान की खरीदी किया गया, जो लक्ष्य का 101 प्रतिशत होता है। धान खरीदी में जिले के किसानों द्वारा 20 लाख जूट बारदाने का सहयोग धान खरीदी में किया गया, जिससे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सुचारू रूप से संपन्न की गई। किसानों द्वारा प्रदाय किये बारदाने की राशि समर्थन मूल्य के साथ उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जा रही है।

जिले में 01 दिसम्बर 2020 से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी प्रारंभ किया गया था तथा धान खरीदी का कार्य सुचारू रूप से संपादित करने के लिए सभी खरीदी केन्द्रों में किसानों के लिए छाया, पानी इत्यादि की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी, साथ ही खरीदी केन्द्रांे के दूरस्थ ग्रामों में किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जिले में 12 नवीन धान खरीदी केन्द्रों की स्थापना की गई, जिनमें ईच्छापुर, मरकाटोला, ठेमा, कुम्हानखार, शाहवाड़ा, कांटागांव, कोदापाखा, सरण्डी, भैंसासुर, पोण्डगांव, चारगांव, परतापुर इत्यादि नवीन धान खरीदी केन्द्र शामिल हैं। इन गांवों में धान खरीदी केन्द्र शुरू होने से वहां के ग्रामीणों में नये उत्साह का माहौल बना है, पूर्व में इन गांवों के किसानों को अधिक दूरी पर स्थित धान खरीदी केन्द्रों में जाकर अपने धान को बेचना पड़ता था, जिससे उन्हें अधिक समय लगता था, साथ ही परिवहन में अतिरिक्त व्यय भी होता था, गांव में धान खरीदी केन्द्र खुलने से उन्हें सुविधा मिली है।

धान खरीदी केन्द्रों में जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था से प्रसन्न कांकेर तहसील के ग्राम मरकाटोला के किसान सगुनराम साहू ने कहा कि धान खरीदी केन्द्र में शासन-प्रशासन द्वारा सभी प्रकार के सुविधाओं का ख्याल रखा गया था, किसानों के लिए छाया-पानी की व्यवस्था की गई थी। टोकन जारी करने में भी कोई परेशानी नहीं हुई, अनावश्यक लाईन लगाना नहीं पड़ा। मरकाटोला के खरीदी केन्द्र में मेरे द्वारा 96 कट्टा धान का विक्रय किया है, जो लगभग 96 हजार रूपये का होता है। उन्होंने बताया कि पहले हमारे गांव के लोग धान बेचने के लिए 10 किलोमीटर दूर धान खरीदी केन्द्र पोटगांव जाते थे, जहां पर किसानों की संख्या अधिक होने के कारण ज्यादा समय लगता था तथा आने-जाने में परेशानी होती थी। हमारी परेशानी को शासन ने समझा और हमारे गांव मरकाटोला में नवीन धान खरीदी केन्द्र खोलकर हमें धान बेचने की सुविधा प्रदान किया गया है। अब हमारे गांव के सहकारी समिति से खेती किसानी के लिए खाद-बीज और कृषि ऋण की सुविधा भी मिलने लगेगी। उन्होंने बताया कि हमारे गांव के खरीदी केन्द्र में 05 नग नवीन पक्के चबूतरे का निर्माण भी किया गया है।

इसी प्रकार के विचार ग्राम कापसी के किसान फत्तेसिंह चिराम और सुखराम नरेटी ने भी व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि इस साल धान बेचने में कोई कठिनाई नहीं हुई, बीच में बोरे की थोड़ी समस्या जरूर हुई थी, किन्तु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों के जूट बारदाने से खरीदी की सुविधा उपलब्ध कराकर समस्या का तत्काल समाधान कर लिया गया। फत्तेसिंह चिराम ने बताया कि उनके द्वारा 63 कट्टा धान बेचा गया, जो लगभग 62 हजार 500 रूपये का होता है। सुखराम नरेटी द्वारा 55 हजार रूपये के 22 क्विंटल धान का विक्रय करने की जानकारी दिया गया। ग्राम तेलावट के किसान श्याम साहू, संतोष भुआर्य, रामचन्द नेताम, मनबहल सलाम, विनोद सलाम तथा आलबेड़ा के किसान विष्णु साहू ने कहा कि समर्थन मूल्य में धान बेचने में कोई दिक्कत नहीं हुई। मनबहल सलाम ने बताया कि उनके द्वारा 750 बोरा धान बेचा गया है, जो लगभग 7 लाख 50 हजार रूपये का होता है। श्यामलाल साहू द्वारा 1 लाख 51 हजार रूपये के 151 कट्टा धान बेचने की जानकारी दी गई। विनोद सलाम ने बताया कि उनके द्वारा 1 लाख 30 हजार रूपये के 130 बोरा धान बेचा गया है। संतोष भुआर्य ने 1 लाख 12 हजार 500 रूपये के 112 बोरा धान बेचने की जानकारी दी। ग्राम धनतुलसी के किसान सुखीराम नरेटी ने भी धान खरीदी के लिए की गई व्यवस्था से संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा 200 बोरा धान बेचा गया है, जो लगभग 2 लाख रूपये का होता है। पीढ़ापाल किसान हलाल राम पटोडी द्वारा 3 लाख 50 हजार रूपये के 350 बोरा धान बेचने की जानकारी दी गई |