जगदलपुर । बीजापुर – सुकमा बार्डर में शनिवार को नक्सलियों ने जवानों पर हमला किया था। हमले में 22 जवान शहीद हो गए हैं, वहीं 31 जवान घायल और एक लापता है। शहीद जवानों के शवों को खबर लिखे जाने तक जंगल से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन नक्सलियों की मौजूदगी के चलते जवानों के शवों को घटना स्थल से नहीं निकाला जा सका है |
बताया जा रहा है कि इस पूरे इलाके को नक्सलियों ने घेरा हुआ था और हमले के 8 घंटे बाद भी मौके से जवानों के शव निकाले नहीं जा सके थे और रविवार सुबह से ही सर्चिंग तेज की गई।
बताया जा रहा है कि जवान दो बार नक्सलियों के एंबुश में फंसे। पहली बार एंबुश में फसने के बाद जब जवान अपने साथी घायल जवानों को बाहर निकाल रहे थे तब दोबारा से नक्सलियों ने जवानों को घेरा और फिर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हालाँकि, इस संबंध में पुलिस विभाग की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा की गई पुष्टि के मुताबिक, 22 शहीद जवानों के शव घटना स्थल से निकाले जा चुके हैं वहीं कोबरा बटालियन का एक अन्य जवान लापता है। ऐसा माना जा रहा है कि शहीदों की संख्या और भी बढ़ सकती है. इस घटना में 31 जवान घायल हो गए हैं जिनमें से कुछ को बेहतर इलाज के लिए रायपुर भी ले जाया गया है।
गौरतलब है कि 4 बटालियन के जवान जोनागुड़ा इलाके में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए गए थे. इस दौरान नक्सलियों ने जवानों को एंबुश में फंसाया था।
इस घटना के बाद शनिवार के देर शाम पुलिस विभाग की ओर से शहीद जवानों के संबंध में अधिकारिक जानकारी आई थी कि 5 जवान शहीद हुए है एवं 12 जवान घायल हुए हैं, लेकिन आज सुबह के बाद यह आंकड़ा भयावह तरीके से बढ़ गया।
गौरतलब है कि दुर्दांत नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा के नेतृत्व में नक्सलियों की बटालियन नंबर वन बीजापुर और सुकमा के सरहदी इलाकों में ही सक्रीय है. हिड़मा बटालियन फोर्स की ताक में पहले से ही था, हिड़मा की तलाश में निकले जवान नक्सलियों के जाल में फंस गए और उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी. गनीमत रही कि जवानों के हौसले इन दिनों चरम पर हैं और नक्सली एम्बुश में फंसने के बावजूद भी उन्होंने बहादुरी दिखाई और अपनी जान की परवाह न करते हुए नक्सलियों के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया. अगर ऐसा ना होता तो शहादत का आंकड़ा काफी बढ़ सकता था।
रविवार को राजस्व मंत्री व बीजापुर प्रभारी जयसिंह अग्रवाल जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने घायलों का हाल जाना और कहा कि आपके साथियों की शहादत व्यर्थ नहीं जायेगी। श्री अग्रवाल के साथ बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी यहां पहुंचे थे।
हिड़मा बेहद खतरनाक नक्सली कमांडर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के मिलिट्री विभाग का प्रमुख माड़वी हिड़मा बस्तर का सबसे दुर्दांत नक्सली माना जाता है. जोनल कमेटी के सचिव रमन्ना की मौत के बाद वह सचिव के पद की दावेदारी में शामिल रहा. 2013 में झीरम में कांग्रेस के काफिले पर हमला, 2017 में बुर्कापाल में सीआरपीएफ के 25 जवानों की हत्या समेत कई बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड उसे माना जाता है. बस्तर में नक्सलियों कि दो बटालियन है, जिनमें पहली बटालियन का कमांडर हिड़मा ही है. दूसरी बटालियन अबूझमाड़ में सक्रिय है. टीसीओसी में बड़ी वारदातों की रणनीति बनाने और उसे क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी हिड़मा को ही दी गई है।
शहीद जवानों में…
डीआरजी : उपनिरीक्षक दीपक भारद्वाज, प्र.आ.रमेश कुमार जुर्री, प्र.आ. नारायण सोढ़ी, आ. रमेश कोरसा, आ. सुभाष नायक, स.आ. किशोर एण्ड्रीक, स.आ. सनकूराम सोढ़ी, स.आ. भोषाराम करटामी।
कोबरा 210 : नि. दिलीप कुमार दास, प्र.आ. राजकुमार यादव, सीटी राकेश्वर सिंह मनहास (लापता), सीटी धर्मदेव कुमार, सीटी शखामुरी मुराली कृष्ण, सीटी रथू जगदीश, सीटी शंभू राय, सीटी बबलू रंभा।
एसटीएफ : प्र.आ. श्रवण कश्यप, आ. रामदास कोर्राम, आ. जगतराम कंवर, आ. सुखसिंह फरस, आ. रमाशंकर पैकरा, आ. शंकरनाथ।
बस्तर बटालियन: आ. सम्मैया माड़वी।
घायल जवानों में…
डीआरजी : स.उ.नी. आनंद कुरसम, स.उ.नी. प्रकाश चेट्टी, स.उ.नी. मनीराम कुंजाम, प्र.आ. क्र.673 प्रफुल कुजूर, आ.क्रं 751 बदरू पुनेम, आ.क्र.42 लक्ष्मण हेमला, स.आ.क्र.560 सोमारू कर्मा, स.आ.क्र.635 बसंत झाड़ी, स.आ.क्र.484 दशरू हेमला, गो.सै.क्र.37 विजय मंडावी।
एसटीएफ : एपीसी भास्कर यादव, आ. सोनू मंडावी, आ. थामेश्वर साहू, आ. रामाराम ओयाम, आ. देवप्रकाश लकड़ा।
कोबरा 210: थापास पाल, राजीव सेठिया, सीटी बलेन्दर सिंह, प्र.आ. मदनपाल सिंह, उनि आनंद पटेल, सीटी डिनेन्द्र दास, प्र.आ. सुर्यभान सिंह यादव, प्र.आ. अमित कुमार, प्र.आ. स्वाईन सुनील, सीटी समषेष, टूआईसी संदीप द्विवेदी, सीटी बलराज सिंह, उनि अभिषेक पांडे, सीटी देवेन्दर, डीसी मनीष कुमार, प्र.आ. लोकेश कुमार सिंह
एक महिला माओवादी का शव हथियार समेत बरामद – आईजी
12 माओवादी की मृत्यु व 16 अन्य के घायल होने की सूचना मिल रही है – आईजी
बस्तर आईजी सुंरदराज पी ने बताया कि इस मुठभेड़ के बाद घटना स्थल (जोनागुड़ा इलाका)से एक महिला माओवादी का शव, एक इंसास रायफल समेत शनिवार देर रात बरामद किया गया था। इस महिला नक्सली की शिनाख्त पामेड़ एलजीएस कमांडर माड़वी वनोजा के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि आज सुबह 22 जवानों का शव बरामद किया गया है। वहीं एक कोबरा बटालियन क्र. 210 का जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता है जिसकी तलाश निरंतर की जा रही है।
सुंदरराज का कहना है कि माओवादियों मुठभेड़ में मारे गए उनके साथियों एवं घायल कैडर्स को दो-तीन टै्रक्टरों में ग्राम जब्बामरका एवं गोमगुड़ा क्षेत्र की ओर ले जाया गया है।