कक्षा 10वीं एवं 12वीं में अध्ययनरत् सीबीएसई एवं सीजी बोर्ड के विद्यार्थियों को मिले जनरल प्रमोशन-बाफना

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पूर्व विधायक बाफना ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री से की सिफारिश

जगदलपुर।कोराना वायरस के जानलेवा स्ट्रेन से बढ़ रहे संक्रमण की दर को देखते हुए सीबीएसई एवं सीजी पाठ्यक्रम के कक्षा 10वीं एवं 12वीं में अध्ययनरत् समस्त छात्र -छात्राओं को जनरल प्रमोशन दिए जाने की सिफारिश करते हुए जगदलपुर विधानसभा के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक एवं सूबे के मुखिया भूपेश बघेल को पत्र लिखा है।

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पूर्व विधायक बाफना ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस की यह दूसरी लहर पहले के मुकाबले बच्चों को ज्यादा शिकार बना रही है और पिछला स्ट्रेन बच्चों के लिए इतना खतरनाक नहीं था, लेकिन वायरस का नया स्ट्रेन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से भेदकर उन्हें नुकसान पहुॅचा रहा है। और अब तक ऐसी कोई वैक्सीन नहीं बनी है जिसकी खुराक बच्चों को देकर उन्हें सुरक्षित किया जा सके।

माह अप्रैल-मई विद्यार्थियों के परीक्षा के आयोजन का समय होता है। देश के लगभग सभी राज्यों ने अपने राज्य बोर्ड स्तर पर संचालित पाठ्यक्रमों के कक्षा 10वीं एवं 12वीं परीक्षा के लिए समय-सारिणी घोषित करने से लेकर प्रवेश-पत्र भी जारी किये थे। किन्तु कोरोना के बढ़ते कहर ने कई राज्यों को कुछ समय के लिए परीक्षा स्थगित करने को विवश तक कर दिया। जिस संबंध में आदेश भी जारी हुये है।

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बाफना ने विद्यार्थियों के प्रति अपनी चिंता जाहिर करते हुए आगे कहा है कि जिस व्यापकता के साथ पुनः इस खतरनाक वायरस ने अपने पांव पसारें हैं उसे देखते हुए प्रतीत होता है कि, निकट भविष्य में एवं हाल-फिलहाल मे भी परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित कर पाना संभव नहीं होगा। क्योंकि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन बच्चों के लिए किसी भी प्रकार की कोई हमदर्दी नहीं रखता है। इसलिए मेरा मानना है कि, बच्चों तक संक्रमण की आंच न पहुॅचे व वायरस को नियंत्रित करने के लिए सीबीएसई बोर्ड एवं सीजी बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा को इस वर्ष के लिए पूर्णरूप से टाल दी जाए और छात्र-छात्राओं को तिमाही, छःमाही एवं आंतरिक मूल्यांकन या सरकार के पास यदि कोई अन्य विकल्प हो तो उसे आधार बनाकर सभी को जनरल प्रमोशन दे दिया जाये। क्योंकि हमारी पहली प्राथमिकता बच्चों का सुरक्षित जीवन होना चाहिए। परीक्षा तो अगले वर्ष भी ली जा सकती है किन्तु बढ़ते महामारी के दौर में बच्चों में संक्रमण व्यापक स्तर पर फैल गया तो बाद में इसे संभालना चुनौती से कम नहीं होगा।