जगदलपुर। कोविड सेंटरों को सर्वसुविधायुक्त होने का दावा बस्तर प्रशासन जरुर कर रहीं हैं किंतु धरमपूरा में कोविड़ सेंटरों में रहने वालों को यातनाएं झेलना पड़ रहा है। कोविड सेंटर एक तरह से बंदी गृह से भी कम नहीं हैं ना यहां नियमित साफ_सफाई हो रही है ना ही बाथरुमों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था है जिससे स्वस्थ लोग भी गंभीर बिमारी से ग्रसित हो जाते ऐसी आशंका जताई जा रही है। ज्ञात हो कि धरमपूरा कोविड़ सेंटर 250 बिस्तरों वाला है जिसमें 210 बेड भरे पड़े हैं जिसमें महिला-पुरुष अलग-अलग रखें गयें हैं जिनको अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावों के साथ लाया गया है किंतु यह लोग त्रासदी पूर्ण जीवन जीने को मजबूर हैं।
कोविड सेंटर में भर्ती रत महिलाओं के अनुसार सुबह से ही शौच जाने के लिए महिलाओं को भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है। कोविड़ सेंटर के नाम पर लाखों रुपए फूंकें जा रहें हैं किंतु प्रबंधन आपदा को अवसर में बदल रहा है। कल शाम चाय व बिस्कुट उपलब्ध कराई गई जोकि गुणवत्ता हीन थी तो और जो चाय- बिस्कुट खाने के बाद जो कचरे हैं उसे अभी तक नहीं फेंका गया है। दूसरी तरफ जो भोजन परोसा गया, उसकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। इस संदर्भ में प्रशासनिक अधिकारी गीता रायस्त को सूचना दिया गया तो उन्होंने इस मामले को दिखाने का दावा किया लेकिन घंटों बाद भी महिला वार्ड की व्यवस्था नहीं सुधरी है।