शिवसेना के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने किया अमल

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शिवसेना के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने किया अमल

कोरोना संक्रमण में अनाथ बच्चों के नाथ बनकर पालन करने छत्तीसगढ़ सरकार ने आरंभ की ‘महतारी दुलार योजना’

जगदलपुर / प्रतिनिधी । कोरोना संक्रमण से पहले पिता और फ़िर माता के भी मौत होने के बाद बस्तर के दो बच्चों की मार्मिक कहानी मीडिया के माध्यम से सामने आई थी। जिसकव बाद शिवसेना के बस्तर ज़िला अध्यक्ष अरुण कुमार पाण्डेय् ने छत्तीसगढ़ सरकार से कोरोना संक्रमण में अनाथ हुए बच्चों के नाथ बनकर अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को सुझाव देते हुए ध्यानाकर्षण करने का निवेदन किया गया था।

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जिसपर पूर्व में बस्तर ज़िले के उस घटना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर ज़िले के कलेक्टर श्री रज़त बंसल जी ने कार्यवाही करते हुए दोनों बच्चों के लिए उनके दादी के बैंक अकाउंट में 50 हजार रुपये का सहयोग व आगे की शिक्षा दीक्षा में सहयोग हेतु सराहनीय कदम बढ़ाया गया।

अब इसे विस्तृत रूप देकर महतारी दुलार योजना का क्रियान्वयन करने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई है जिसके लिए शिवसेना छत्तीसगढ़ की तरफ़ से उन्हें साधुवाद है। इस योजना के तहत कोरोना संकट के चलते इस वित्तीय वर्ष में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है, उन बच्चों की शिक्षा का दायित्व अब छत्तीसगढ़ सरकार उठायेगी। साथ ही उनके भविष्य को संवारने की हर संभव कोशिश भी सरकार करेगी।

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छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के माध्यम से इसे पूर्ण किया जाएगा।

इसके अंतर्गत:

● पहली से आठवीं तक के ऐसे बच्चों को 500 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति

● 9 वीं से 12 वीं तक के बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी

● शासकीय अथवा प्राईवेट किसी भी स्कूल में पढ़ाई करने पर ये बच्चे इस छात्रवृत्ति के लिये पात्र होंगे

● ऐसे बच्चे जिनके परिवार में रोजी-रोटी कमाने वाले मुख्य सदस्य की मृत्यु कोरोना से हो गई है, तो उन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की जाएगी

राज्य सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि ये बच्चे राज्य में प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश हेतु आवेदन देते हैं तो उन्हें प्राथमिकता से प्रवेश दिया जायेगा और उनसे किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जायेगी