जगदलपुर।बस्तर जिले के बकावंड जनपद के मोखागांव में बाली बाजार में अत्यधिक भीड़-भाड़ के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की कारगुजारियां सामने आई। महामारी के दौर में जनप्रतिनिधियों को बड़ी जवाबदारी दी गई है किंतु मोखागांव के जनप्रतिनिधियों ने कानून का सरासर उल्लंघन किया। बस्तर एसडीएम गोकुल रावटे कहते हैं कि ग्रामीण अंचलों में कोविड़ गाइडलाइंस का पालन करने की जिम्मेदारी जब जनप्रतिनिधियों की प्रमुख भूमिका है और यदिजनप्रतिनिधि ही लापरवाह होंगे तो कैसे लड़ेंगे कोविड़ से जंग ? एसडीएम रावटे ने कहा कि मोखागांव जैसी घटनाओं को रोकने प्रशासन सख्त है और सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित क्षेत्र के तहसीलदारों को दिया गया है। बस्तर कलेक्टर रजत बंसल स्वयं जनता को अपील कर रहें हैं जिसके बावजूद लापरवाह जनप्रतिनिधि ऐसे कृत्यों में अपनी भूमिका निभा रहें हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़े कार्यवाही करने की सिफारिश किया जायेगा।
ज्ञात हो कि बाली बाजार में पूजा-अर्चना में भीड़ जुटाने के लिए चालानी कार्रवाई करने के बावजूद सरपंच पति बुधराम नेताम की शह पर उड़िया भाषा नाटक का मंचन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए जिसके बाद आनन-फानन में करपावंड़ पुलिस ने कार्यवाही किया यदि बाली बाजार आयोजन की अनुमति नहीं दी गई होती तो प्रशासन की किरकिरी नहीं होती।
ग्रामीण अंचलों में कोविड़ जांच का बढ़े दायरा
बस्तर जिले के ग्रामीण अंचलों में कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और इसके लिए गांव-गांव में जांच अभियान चलाया जाना चाहिए जिससे संक्रमण पर अंकुश लगे वरना यहां कोरोना का बड़ा विस्फोट हो सकता है ।