जगदलपुर। संसदीय सचिव और जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन ने कहा है कि अपने अपराधों की गम्भीरता से ध्यान भटकाने के लिए रमन सिंह और भाजपा थानों के घेराव और गिरफ्तारी की नौटंकी कर रहे हैं। डॉ. रमन सिंह पूर्व में झीरम कांड, नानघोटाले, अगुस्ता हेलीकाप्टर घोटाले, पुष्प स्टील घोटाले में और अंतागढ़ कांड में भी संदिग्ध हैं, यह सही समय है कि वे इन मामलों में भी बयान देने का साहस दिखाएं।
विधायक रेखचंद जैन ने कहा है कि रमन सिंह ने जो दस्तावेज ट्विटर पर शेयर किये थे वे दस्तावेज फर्जी थे। ट्विटर ने इस पर छेड़छाड़कर बनाया गया दस्तावेज़ यानी ‘मेन्यूप्यूलेटेड मीडिया’ की मुहर लगा दी है। बीबीसी, ऑल्ट न्यूज और सभी जाने माने प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इन दस्तावेजों को फर्जी पाया। कांग्रेस के दस्तावेज कुछ और थे उन दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके रमन सिंह ने इन दस्तावेजों को सार्वजनिक किया। फर्जी दस्तावेजों को सही बता कर फैलाना एक अपराध है। रमन सिंह जी यदि इसके लिये थाने जा रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं तो वे इसका सच जानते हैं। वे कितना भी प्रदर्शन कर लें जो गलत है वो गलत ही रहेगा। उनके प्रदर्शन से, उनके भीड़ से, उनकी धमकियों से झूठ सच में नहीं बदल जायेगा।
ससंदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है कि रमन सिंह किसी का भी नाम ले ले, कोई भी आरोप लगा लें, जो अराजकता भाजपा के शासनकाल में हुई नसबंदी कांड,अंखफोड़वा कांड, झलियामारी, सारकेगुड़ा, पेद्दागेलूर, मीना खल्खों कांड और झीरम कांड अभी छत्तीसगढ़ के लोग उन कांडों को भूले नहीं है और इसमें रमन सिंह की जो भूमिका रही है उसको भी नहीं भूले हैं। कांग्रेस पर आरोप लगाने के पहले भाजपा अपने 15 साल के काले कार्यकाल को याद कर लें। रमन सिंह थाने जा रहे हैं तो थाने में वे ये भी बता दें कि रमन मेडिकल स्टोर्स के पते पर खुले विदेशी खाते, नान घोटाले की डायरी में दर्ज सीएम मैडम की की हकीकत क्या है? रमन सिंह जी को यह भी बताना चाहिये कि झीरम के षडयंत्र जांच उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुये क्यों नहीं होने दी और अब भाजपा की केन्द्र सरकार हर बार झीरम कांड के षडयंत्र की जांच को क्यों रोक रही है?