डौंडी :(चैनल इंडिया) बालोद जिला के डौंडी फारेस्ट में काफी दिनों से उत्पात मचा रहे चंदा हाथियों का दल ग्रामीणों की धान फसलों को ज्यादा नुकसान पहुँचाने बाद अब मवेशियों का जान ले रहा है।वही रिहायसी इलाके पहुँच घरो को भी तोड़फोड़ करने लगा है। ऐसे में ग्रामीण जन अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रतजगा करने लगे है।
गौरतलब है कि पिछले 16 दिनों से डौंडी वन परिक्षेत्र के आसपास गावों में किसानों का धान फसल तबाह करते आ रहे 22 सदस्यीय चंदा हाथियों का दल अब रिहायसी इलाका करीब पहुँच रहा है, बीती रात ग्राम जबकसा के आदिवासी ग्रामीण श्रवण नुरेटी के मवेशी को घायल किया तो वही एक मवेशी को पैरों से रौंदकर जान ले ली,मृत मवेशी के पेट की अंतड़ी बाहर आ गयी।
वही ग्राम के रामसिंग गोड़ के आशियाना को सुठ से उठाकर तहस नहस कर दिया। हाथी के आतंक से ग्रामीण पड़ोसी घर के छत पर चढ़कर अपनी सुरक्षा व्यवस्था बनाई। जबकसा के कई ग्रामीणों की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुँचाई। हाथियों की उत्पात के चलते ग्रामीण जन
रात भर दहशत में रतजगा करते रहे। सुबह वनविभाग की टीम जबकसा में वस्तुस्तिथि का जायजा लिए। बताया जा रहा पिछले दो रात्रि से जबकसा में उत्पात मचाकर हाथियों का दल जंगल की ओर चले जाते है। अभी यह नही कहा जा सकता कि जबकसा के ग्रामीण हाथियों को लेकर कितने सुरक्षित है। जिस तरह हाथियों का दल ग्राम करीब पहुँच रहे है उससे ग्रामीण जानमाल की सुरक्षा को लेकर भयभीत नजर आने लगे है।
मुआवजा को लेकर किसानों की बढ़ रही चिंता।
साल में एक बार खेत से धान फसल जरिये जीवन यापन करते आ रहे किसानों की चिंता इसलिए बढ़ते जा रही है कि वे भगवान भरोसे धान उत्पादन करते है यही उनका आय का जरिया है। लेकिन आफत की तरह आये हाथियों की दल फसलों को बर्बाद कर रहे है उससे उनकी मुसीबत बढ़ रही है। किसानों का कहना है कि सरकारी मुआवजा कम होती है। जनपद उपाध्यक्ष पुनीत सेन ने कहा है कि किसानों की फसल नुकसान तहत मुआवजा दिया जाना किसान हित मे न्योचित होगा।