औपचारिकता पूरी कर मंत्री और विधायक और अफसरों के करीबियों को वन विभाग में ठेका देने का चल रहा कार्य
कोंडागांव डिवीज़न में विधायक के दबंगों व बेरोजगार इंजिनियरों में नोकझोंक
एसडीएम और टीआई मौके पर पहुंचे, शांत कराया मामला
जगदलपुर/कोण्डागांव – कोण्डागांव दक्षिण वन मंडल में 25 मई को सवा करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों का टेण्डर हेतु आवेदन मंगाया गया था। आवेदन जमा करने पहुंचे बेरोजगार इंजीनियरों को स्थानीय विधायक के दबंगो ने आवेदन जमा करने से रोका। आवेदन जमा कररने को लेकर बेरोजगार इंजीनियर एवं विधायक के दबंगो में हुई नोंकझोक। मामला को शांत कराने एसडीएम एवं कोतवाली टीआई मीके पर पहुंच मामले को शांत कराया। वन विभाग के एक भी बड़े अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। बाबू और चपरासी ने टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर विधायक के चहेतो को टेण्डर दिलाने में हुए सफल। बेरोजगार इंजीनियर मायूष लौटे।
ज्ञातव्य हो कि अपने लाडले को इंजीनियर बनाने के लिए उनके माता-पिता ने अपनी संपत्ति तक गिरवी रख पढ़ाया लिखाया और आज आलम यह है कि इन दबंगो के सामने इनकी योग्यता भी फिकी पड़ गई जबकि राज्य शासन ने इन बेरोजगार इंजीनियरों को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न विभाग में ठेका देने का आदेश जारी किया है लेकिन वह आदेश फाईलों तक ही सिमटकर रह गया है। विभागों में इसका पालन नहीं हो रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण दक्षिण वनमंडल कोण्डागांव में कल घटित घटना से पता चलता है।
विधायक के दबंगो ने आवेदन जमा करने से रोका :
शासन से जारी आदेशानुसार बेरोजगार इंजीनियरों को विभिन्न विभागों में कार्य देने का आदेश जारी किया गया है। जानकारी के अनुसार 25 मई का दक्षिण बस्तर वनमंडल कोण्डागांव में एक करोड़ 25 लाख की लागत से सीसी सड़क, तालाब निर्माण, डब्ल्यूबीएम सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी उक्त कार्यों को ठेका देने के लिए कल दोपहर 2 बजे तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी। उसी दिन 5 बजे तक टेण्डर ओपन किया जाना था। टेण्डर जमा करने बस्तर जिले सहित अन्य जिले से कुछ बेरोजगार इंजीनियर आवेदन जमा करने पहुंचे थे। कार्यालय में पहले से मौजूद स्थानीय विधायक के दबंगो नने आवेदन जमा करने से सभी बेरोजगार इंजीनियरों को रोका। विधायक के दबंग यह कहते रहे कि विधायक से हमारी बात हो चुकी है। यह कार्य हम लोगों को देने का आश्वासन भी दिया जा चुका है। विधायक के दबंगो के सामने किसी की एक न चली,बेरोजगार इंजीनियर मायूष होकर वापस लौट गये। . बाबू और चपरासी का दबदबाः आज टेण्डर प्रक्रिया किया जाना था पूर्व से ही सभी औपचारिकता पूरी हो चुकी थी। दफ्तर में एक भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं थे जबकि टेण्डर डीएफओ या एसडीओ की उपस्थिति में खोले जाने का प्रावधान है। बदनामी से बचने जिम्मेदार अधिकारी गायब रहे बाबू और चपरासी के भरोसे सवा करोड़ के कार्यों को कर दिया टेण्डर और विधायक के दबंगों ने जमा लिया कब्जा।
नियम कायदा का नहीं कमीशन का बोलबालाः
वन विभाग में इन दिनों नियम कायदों से कार्यों का विभाजन नहीं कमीशन के आधार पर किए जाने की खबर है। ठेका पाने के लिए ठेकेदार पहले से ही मंत्री विधायक और अफसरो की सिफारीश किया करते है जो ठेकेदार जिस रसियों में प्रसाद चढ़ाता है उसे उसी के आधार पर कार्य दिया जाता है। वन विभाग में कही मंत्री तो कही विधायक तो कही अफसरों के के चहेते ठेकेदारों का बोलबाला है। बस्तर डिविजन में भी 15 दिन पूर्व कुछ ऐसा ही हुआ
कांग्रेस बेरोजगारों के गुण्डागर्दी कर रहीः भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कीस की सरकार बेरोजगारी के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार सिर्फ घोषणा कर रही है क्रियान्वयन करने में नाकाम रही है। कांग्रेस के लोग सत्ता के नशे में इस कदर चूर हो गये है कि बेराजगार इंजीनियर के साथ गुण्डागर्दी कर रही है जिसका उन्होंने घोर निंदा को है। कांग्रेस के गुण्डागर्दी से प्रशासन एवं आम लोग परेशान है। भाजपा शासनकाल में बेरोजगार इंजीनियरों को प्राथमिक के आधार पर काम दिया गया था अब कांग्रेस शिक्षित बेरोजगारों के साथ छलावा कर रही है।
मुझे इसकी जानकारी नहीं
विधायक मोहन मरकाम ने इस मामले के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोण्डागांव में ऐसा हो हो रही सकता। टेण्डर निरस्त करने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहले में इस मामले की विस्तृत जानकारी लूगा बाद में इस मामले में कुछ बता पाऊंगा,मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
सीएफ और डीएफओ बोलने से बचते रहे इस मामले को लेकर कोण्डागांव दक्षिण वन मंडल के डीएफओ एवं कांकर वनमंडल वनवृत्त सीएफ से मामले के संबंध में जानने का प्रयास किया गया तो दोनों अधिकारियों का फोन बजता रहा लेकिन फोन रिसीव नहीं करने के कारण उनकी प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी। – मामले की जांच होगी: वन विभाग के पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी से संपर्क कर घटना के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आवेदन जमा नहीं करने देना गलत है,इसकी जांच कराने की बात कही। साहब जांच कराते है या मामले पर पर्दा डालने वालों का साथ देते है |