BIG BREAKING: नारायणपुर में नक्सली हमला : जायसवाल निको खदान पर अटैक, करोड़ों रुपए के पोकलेन को किया आग के हवाले, मुठभेड़ में दो श्रमिक मारे गए

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नारायणपुरसैय्यद वली आज़ाद

नारायणपुर में नक्सली हमला: निको-जायसवाल खदान पर अटैक, मुठभेड़ में दो श्रमिक मारे गए, सुपरवाइजर समेत कई मजदूरों को बनाया बंधक

नक्सलियों ने खदान में करोड़ों रुपए के 6 पोकलेन को आग के हवाले किया

यूबीजीएल व रॉकेट लांचर से किया हमला

मुठभेड़ स्थल से 50 किमी दूर कोण्डागांव में आज मौजूद होंगे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी

नारायणपुर. बस्तर में नारायणपुर जिला मुख्यालय से 52 किमी दूर छोटेडोंगर क्षेत्र के निको-जायसवाल कंपनी के आयरन ओर खदान में नक्सलियों ने हमला कर दिया है। नारायणपुर-ओरछा मार्ग स्थित आमदई खदान में शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे बड़ी संख्या में नक्सली यहां पहुंचे और खदान की सुरक्षा में यहां स्थित फोर्स के कैम्प पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान खदान में काम कर रहे दो श्रमिक के नक्सलियों की गोलियों की चपेट में आने से मारे जाने की खबर है।

बताया जा रहा है कि जिस दौरान नक्सलियों ने अटैक किया, वहां सौ से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक मजदूर का शव दूर से देखा जा रहा है व एक अन्य श्रमिक भी मारा गया है। शव को अब तक फोर्स अपने कब्जे में नहीं ले सकी है। नक्सलियों ने खदान में 6 पोकलेन मशीन में भी आग लगा दी है। खदान के सुपरवाइजर समेत कई मजदूरों को नक्सलियों ने बंधक बना लिया है। खबर लिखे जाने तक फोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। जिले के एडीशनल एसपी नीरज चंद्राकर ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, दोपहर 12 बजे छोटेडोंगर से बैकअप पार्टी को भेजा गया है। मारे गए मजदूरों के नाम अब तक सामने नहीं आए है।

पहले भी हो चुका है खदान और कैम्प का विरोध

आमदई स्थित आयरन ओर खदान बहुत लंबे समय से निको जायसवाल कंपनी को आबंटित की गई थी। यह खदान अब तक शुरू नहीं हो सकी है। इस साल के अंत तक इस खदान को शुरू किए जाने की संभावना है, जिसके लिए यहां सडक़ बनाने व अन्य काम जारी है। खदान के लिए चल रहे काम की सुरक्षा में यहां कैम्प भी बनाया गया है। इसी साल जनवरी माह में करीब 10 से 12 हजार ग्रामीणों ने खदान और कैम्प के विरोध में यहां प्रदर्शन किया था। दस साल पहले भी नक्सलियों ने इसी खदान में काम कर रहे दो सुपरवाइजर की हत्या कर दी थी।