डॉ एस. वली आज़ाद – नारायणपुर
अपनी लचर व्यवस्था एवं भ्रष्टाचारी रवैये को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहने वाला स्वास्थ्य विभाग इस बार फिर अपनी भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुर्खियों में हैं। मिली जानकारी के अनुसार सीएमएचओ के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पदों की भर्ती हेतु जुलाई 2019 को 36 विभिन्न पदों पर वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से चयन हेतु विज्ञापन जारी किया गया था और यह भर्ती प्रक्रिया सितंबर में पूर्ण कर ली गई थी। परंतु इस प्रक्रिया को लेकर कुछ अभ्यर्थियों में असंतोष था। उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत विभाग से भर्ती प्रक्रिया से संबंधित जानकारी मांगी। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी से पता चला कि विभाग में कार्यरत कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा अपने रिश्तेदारों को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के माध्यम से पात्र घोषित कर भर्ती प्रक्रिया में उनकी नियुक्ति दी गई। जबकि योग्य अभ्यर्थियों को किनारे कर दिया गया। जिसके चलते योग्य अभ्यर्थियों में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ रोष का माहौल है।
जानें क्या है पूरा मामला
इस फर्जी भर्ती प्रक्रिया का मास्टरमाइंड उदय भानु सिंह बंजारे जो कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी में जिला प्रशिक्षण समन्वयक के पद पर पदस्थ हैं। उदय भानु सिंह बंजारे ने अपनी पत्नी अंजनी बंजारे को स्टाफ नर्स के पद पर नियुक्ति दिलाने के मकसद से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र का सहारा लेकर इस फर्जी भर्ती प्रक्रिया का पूरा खेल रच दिया। अंजनी बंजारे 22 सितंबर 2015 से 25 सितंबर 2018 तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला दंतेवाड़ा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत द्वितीय एएनएम के पद पर उप स्वास्थ्य केंद्र कुपेर विकासखंड दंतेवाड़ा में कार्यरत थीं। और स्टाफ नर्स की भर्ती में एक एएनएम को अनुभव का लाभ देते हुए नौकरी प्रदान कर दी गई।