स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाला सामुदायिक शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा

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सचिवों पर बनाया जा रहा कमीशन का दबाव

कमीशन नहीं देने पर नोटिस जारी करने का दबाव

जगदलपुर/बीजापुर – स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त बनाए रखने के लिए प्रत्येक घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिला सलाहकार स्वच्छ भारत मिशन बीजापुर द्वारा सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य में ग्राम पंचायतों से अधिकारी के नाम पर वसूला जा रहा है कमीशन। शासन की महत्वकांक्षी योजना का सिर्फ कागजों में संचालन कर इसके प्रभारी अधिकारी जेब गरम करने में जुटे है।

मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर जिले में वित्तीय वर्ष 202021 में कुल 182 सामुदायिक शौचालय का प्रशासकीय स्वीकृति जारी किया गया है। जिसमें विकासखंड बीजापुर को 28, भोपालपटनम 87, उसूर 13, भैरमगढ़ 54 सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति दिया गया है। सामुदायिक शर्शाचालय का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण+मनरेगा+15 वें वित्त के समायोजन से होगा, जिसमें एसबीएम 300000 मनरेगा 43700+ 15 फाइनेंस 6300 राशि का भुगतान किया जाना है। वर्तमान में 40 सामुदायिक शौचालय पूर्ण, 120 प्रगतिरत शेष 08 कार्य अप्रारंभ बताए जा रहे हैं। वास्तविक स्थिति देखा जाए तो जहां शौचालय निर्माण अभी तक चालू ही नहीं है वहां भी प्रगतिरत बताया जा रहा है। और दूसरी ओर जयं शौचालय निर्माण पूर्णता पर है और जो कमीशन देने से कोताही बरत रहा है उसे निर्माण कार्य सही नहीं है ऐसा कहकर नोटिस भेजा जा रहा है और जो लोग कमीशन देने के लिए तैयार हैं और दे रहे हैं उन्हें ना कोई नोटिस दिया जा रहा है और ना ही निर्माण कार्य कराए जाने पर जोर दिया जा रहा है।

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उल्लेखनीय है कि जिला सलाहकार एवं उप अभियंता द्वारा सामुदायिक शौचालय निरीक्षण करने के नाम पर ग्राम पंचायत जाकर ग्राम पंचायत सरपंच सचिवों से अवैध वसूली किये जाने की शिकायत मिली है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की मार्गदर्शिका के अनुसार निर्माण कार्य की राशि पहली किश्त के रूप में 40 प्रतिशत दुसरी किस्त के रूप में 40 प्रतिशत एवं शेष 20 प्रतिशत की राशि निर्माण कार्य पूर्ण कर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर दिया जाता है। लेकिन जिला सलाहकार एसबीएम बीजापुर द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ होने से पूर्व ही पूर्ण राशि ग्राम पंचायतों को भुगतान किया गया।

कुछ स्थानों पर सामुदायिक शौचालय बनाए जाने पर कलेक्टर द्वारा भी आपत्ति जताई गई और उसके भुगतान पर रोक लगाई गई इसके बावजूद भी संबंधित ग्राम पंचायत को राशि का भुगतान किया गया। मनमानी का आलम यहां तक आ पहुंचा की राज्य कार्यालय को प्रेषित की वाली जानकारी सिर्फ कागजों में ही दिखाई जा रही है। वास्तविक स्थिति इसके ठीक विपरीत है।

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नाम ना छापने की शर्त पर ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा बताया गया कि शौचालय निर्माण में 10 परसेंट का कमीशन मांगा जा रहा है नहीं देने पर बेवजह नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद भी निर्माण सही नहीं कह कर तोड़ने की बात कर रहे हैं। और जहां निर्माण कार्य चालू ही नहीं है उन्हें कमीशन लेकर कुछ नहीं कहा जा रह्य है। कुछ सचिवों ने डरे दबी आवाज में कहा कि अधिकारियों द्वारा मांगा जाए तो देना पड़ता है नहीं तो अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ेगा।

सिर्फ कागजों पर संचालन हो रहा है रिट्रोफिटिंग कार्य

व्यक्तिगत शौचालय के मरम्मत हेतु रिट्रोफिटिंग के तहत ठीक किया जाना हो होता है लेकिन पैसा जनपदों पंचायत को जारी होने के 1 वर्ष पूर्ण होने के बावजूद भी जपं के खातों में पड़ा हुआ है और कुछ एक जगह जा काम चालू है वां पर उगाही का दौर भी जोरों पर है। ग्राम पंचायतों को रूपए 35000 रिट्रोफिटिंग के नाम पर दिया गया जिसमें 1-2 शौचालय को ठीक कर पूरा पैसा गबन कर कागजों में ही निर्माण कार्य पूर्ण किए जा रहे हैं।

जांच कराई जायेगी – सीईओ

जिला पंचायत सीईओ बीजापुर रवि साहू ने बताया कि सचिव को कमीशन के लिए परेशान किया जा रहा है या कार्यों का मूल्यांकन नहीं किया जा रहा है इसकी जांच कराई जायेगी और दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि सचिव गोपनीय ढंग से इसकी शिकायत मुझ से कर सकते है।