- महाराष्ट्र के प्याज किसानों का मुद्दा उठाया सांसद दीपक बैज ने
- पूछा कीमतों में गिरावट के कारण परेशान प्याज किसानों को राहत पहुंचाने क्या कदम उठाए गए
बस्तर सांसद दीपक बैज अपने निर्वाचन क्षेत्र बस्तर और छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के नागरिकों, मजदूरों और किसानों के मसले भी संसद में पुरजोर ढंग से उठाते हैं। बैज की यही खासियत उन्हें दीगर जनप्रतिनिधियों से अलग पहचान दिलाती है। सांसद दीपक बैज ने इस बार महाराष्ट्र के प्याज किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाकर सबका दिल जीत लिया। श्री बैज ने सरकार से कहा कि महाराष्ट्र के किसानों को प्याज की वाजिब कीमत मिलना तो दूर, उन्हें 1- 2 रु. किलो के भाव से प्याज बेचना पड़ रहा है। उन्होंने पूछा कि इन परेशान किसानों की मदद के लिए सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं? छत्तीसगढ़ की बड़ी समस्याओं, मांगों के साथ ही बस्तर की लंबित परियोजनाओं और यहां के किसानों एवं आदिवासियों के हक को लेकर लोकसभा में हमेशा मुखर रहकर सांसद दीपक बैज हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। वे सदन की कार्यवाही में बिना एक दिन भी नागा किए भाग लेने वाले बैज ने संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में महाराष्ट्र के प्याज किसानों की बदहाली का मामला पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि प्याज किसानों को प्याज की वाजिब कीमत नहीं मिल पा रही है। महज एक – दो रुपए किलो की दर से प्याज की खरीदी हो रही है। किसानों को खेतों से प्याज निकालने, उसकी सफाई आदि की मजदूरी लागत भी नहीं मिल पा रही है। नतीजतन किसान खेतों में ही प्याज को नष्ट करने के लिए मजबूर हो गए हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ ( नेफेड ) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी परिसंघ ( एनसीसीएफ ) जैसी एजेंसियों को किसानों की सहायता करने के संबंध में निर्देश दिए गए भी हैं, या नहीं ? श्री बैज ने कहा कि प्याज किसानों की आय दोगुनी करने की बात की महाराष्ट्र में हवा निकल गई है। उनके सवाल पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पछेती खरीफ फसल की बंपर आवक और रबी फसल जल्दी आने की संभावना के कारण महाराष्ट्र के नासिक बेल्ट की प्रमुख मंडियों में प्याज की कीमतें दस रु. किलोग्राम की दर से भी नीचे आ गई हैं। सरकार ने एनसीसीएफ और नेफेड को महाराष्ट्र के बाहर प्याज के एकसाथ निपटान के लिए नासिक की मंडियों से प्याज की खरीदी शुरू करने का निर्देश दिया गया है। अब तक महाराष्ट्र के किसानों से करीब 26 हजार मिट्रिक टन प्याज की खरीदी की जा चुकी है।